बस्तर संभाग में पिछली बार की भांति कोरोना संक्रमण की दर को शून्य प्रतिशत तक लाने का हो लक्ष्य- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

  • बाहर से आने वाला हर व्यक्ति के टेस्टिंग के बिना शहर या गांवों में प्रवेश पर मनाही
  • छुट्टी से लौटने वाले सीआरपीएफ और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को टेस्टिंग और क्वारेंटाइन के बाद ही कैम्पों में भेजा जाए
  • खदान क्षेत्रों में बाहर से आने वाले ड्राइवर और क्लीनरों की जांच और मजदूरों से अलग रखने की हो व्यवस्था
  • कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए मनरेगा और लघु वनोपजों के संग्रहण के काम प्रारंभ किए जाए
  • टेस्टिंग, मरीजों के इलाज, वैक्सीनेशन और कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर हो फोकस
  • कोरोना संक्रमितों के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का पता कर सघन जांच की हो कार्यवाही

कांकेर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये बस्तर संभाग के सभी 7 जिलों कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति और उससे नियंत्रण के उपायों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री बघेल ने समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य के बस्तर संभाग में पिछली बार कोरोना संक्रमण को रोकने में शासन-प्रशासन सहित सबके सहयोग से अच्छी सफलता मिली थी। इस बार भी हम सभी बस्तर संभाग में कोरोना संक्रमण की दर को पिछली बार की तरह शून्य प्रतिशत तक लाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के अधिकारी-कर्मचारी अच्छा काम कर रहे हैं। अपने कर्तव्यों के प्रति सजगता से ही लक्ष्य को प्राप्त करने में जरूर सफलता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में संक्रमण न फैले इसके लिए यह जरूरी है कि बाहर से आने वाला हर व्यक्ति बिना टेस्टिंग के न तो गांव में और न ही शहर में जाए। आवश्यकता अनुसार उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर और आइसोलेशन केेन्द्र में रखने की व्यवस्था की जाए। बाहर से आने वालों की एयरपोर्ट, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेंड, अंतर्राज्यीय सीमाओं के एन्ट्री पाइंट पर ही टेस्टिंग सुनिश्चित कर ली जाए। हमारा फोकस टेस्टिंग के साथ-साथ मरीजों के इलाज, वैक्सीनेशन, कोरोना संक्रमण की रोकथाम और संक्रमित व्यक्तियों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग तथा सघन जांच पर होना चाहिए। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग से संक्रमण को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छुट्टी से लौटने वाले सीआरपीएफ और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की टेस्टिंग एन्ट्री पाइंट पर की जाए। उन्हें क्वारेंटाइन और आइसोलेशन में रखने के बाद ही कैम्पों में जाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि पिछली बार इसी वजह से बस्तर में संक्रमण बढ़ा था। बस्तर आईजी आने वाले जवानों की जानकारी रखे और ऐसे जवानों को लाने के लिए पृथक वाहन की व्यवस्था करें। जवान सार्वजनिक परिवहन के साधनों से वापस न लौटे। उन्होंने कहा कि खदान क्षेत्रों में ट्रकों में आने वाले ड्राइवरों और क्लीनरों की जांच की जाए और उन्हें मजदूरों से अलग रखने की व्यवस्था की जाए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन करते हुए मनरेगा और लघु वनोपजों के संग्रहण कार्य प्रारंभ किए जाएं। इससे लोगों को सुगमता से रोजगार उपलब्ध होगा और अतिरिक्त आमदनी भी मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बस्तर संभाग में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा, साथ ही सभी कलेक्टरों को अपने-अपने जिले में पंचायतवार बाहर गए मजदूरों और लोगों की जानकारी भी एकत्र कर पोर्टल में प्रदर्शित करने को कहा। उन्होंने ग्राम पंचायतों में क्वारेंटाइन सेंटर और आइसोलेशन सेंटर की स्थापना के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में बस्तर संभाग के सभी जिलों में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर वाले बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की सप्लाई चैन, ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता और रोटेशन, मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता, रेमडेसिविर और अन्य आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता तथा सीएसआर मद, औद्योगिक क्षेत्र और सामाजिक संगठनों के सहयोग से किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, अपर मुुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, बस्तर संभाग के कमिश्नर, आई.जी. सहित बस्तर संभाग के सभी 7 जिलों के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक शामिल हुए।
कलेक्टर चन्दन कुमार ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि कांकेर जिले में अभी तक 9695 व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाये गये, वर्तमान में 1731 सक्रिय मरीज हैं, उनमें से 1632 होम आईसोलेशन में तथा 99 व्यक्तियों को ईलाज कोविड अस्पतालों में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय कांकेर के अलबेलापारा में संचालित कोविड अस्पताल के अलावा अब ईमलीपारा के नवनिर्मित छात्रावास भवन में भी कोविड अस्पताल स्थापित किया जा रहा है, जिसमें 16 बेड आईसीयू, 30 बेड एचडीयू तथा 150 आॅक्सीजन वाले बेड और 40 सामान्य बेड रहेंगे। उक्त अस्पताल को आगामी सोमवार तक शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। वीडियो कान्फ्रेसिंग में पुलिस अधीक्षक एम.आर. अहिरे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जे.एल. उईके भी मौजूद थे।

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