दुर्ग । कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए जिले में लॉक डाउन लगाया गया है। पूर्व में 19 अप्रैल तक लॉक डाउन लगाया गया था जिसे अब बढ़ाकर 26 अप्रैल तक कर दिया गया है। लॉक डाउन के संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे और एसपी प्रशांत ठाकुर ने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर जारी गाइड लाईन की जानकारी दी।
कलेक्टर ने कहा की पूर्व में निर्धारित लॉक डाउन की अवधि में सभी अधिकारियों ने महती जिम्मेदारी के साथ कार्य किया है। इससे लॉक डाउन के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में लॉकडाउन से कोरोना की बढ़ती रफ्तार को कम करने में कारगर साबित हुआ है। लॉक डाउन की अवधि अब 26 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। हमें आगे भी पूरी शिद्दत के साथ जवाबदेही से कार्य करना है।
कलेक्टर ने बैठक में जारी गाइड लाईन की जानकारी देते हुए बताया कि जिले को कन्टेन्टमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है। पूर्व जारी निर्देशो में कुछ आंशिक रूप से छूट दी गई है। अभी भी थोक सब्जी मार्केट पूर्ण रूप से बंद रहेगा लेकिन ठेलों के माध्यम से स्ट्रीट वेंडर फल, सब्जी और राशन का विक्रय कर सकते हैं किंतु शहरी क्षेत्रों के जिस मोहल्ले को कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित किया गया है। वहां इसका विक्रय किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। इस अवधि में सभी प्रकार के आयोजन, सामाजिक कार्यक्रम, विवाह और मृत्यु भोज में केवल 10 लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी।
बैठक में बताया गया कि पैट शॉप/ एक्वेरियम को केवल पशुओं को चारा देने के लिए खोल जाएगा। दूध के विक्रय समय मे बढ़ोतरी किया गया है। अब सुबह 6 से 8 बजे एवं शाम को 5 से 6:30 बजे विक्रय किया जा सकेगा। पी.डी.एस की दुकानों का संचालन किया जा सकेगा किंतु टोकन वितरण के आधार पर संचालन किया जाएगा। एक दिन में अधिकत्तम 40 से 50 लोगों को ही टोकन जारी किया जाकर राशन का वितरण किया जा सकेगा। मेडिकल एजेंसी संचालकों के लिए कहा कि वे मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करेंगे।
रेलवे से सफर में आने वाले यात्रियों और मेडिकल संचालक स्ट्रीट वेंडर की होगी कोरोना टेस्ट- कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के रोकथाम के लिए एक बार फिर से मेडिकल स्टोर संचालकों की कोरोना टेस्टिंग करवाये। साथ ही रेलवे से सफर में आने वाले सभी यात्रियों का अनिवार्यता टेस्टिंग होती रहे। साथ ही ठेलों के माध्यम से फल व सब्जी का विक्रय करने वाले स्ट्रीट वेंडरों का भी टेस्टिंग कराने कहा है।
आक्सीजन बेड है पर्याप्त किसी भी पेशेंट को वापस न भेजा जाए– कलेक्टर ने बैठक में स्पष्ट किया कि जिले में कोरोना के मरीजों के लिए पर्याप्त आक्सीजन बेड की व्यवस्था की गई है। किसी भी मरीज को ऑक्सीजन बेड की कमी के नाम पर वापस नहीं करने कहा है। उन्होंने सम्बंधित क्षेत्र के पुलिस व अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को शिद्दत के साथ समन्वय के साथ मरीजों को हॉस्पिटल भेजने व भर्ती कराने में मदद करने को कहा है। साथ ही साथ इमरजेंसी सेवा के लिए एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराने कहा है। अन्य आदेश व नियम पूर्व में जारी गाईड लाईन लागू होगी।
बैठक में एसपी श्री ठाकुर ने कहा कि अभी कोरोना का संक्रमण थमा नहीं है। हर स्तर पर हमारा प्रयास इसे रोकथाम के लिए होना चाहिए जिससे इस मुश्किल क्षण से निकला जा सके ।