दुर्ग///// छत्तीसगढ़ प्रदेश देश के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित राज्यों में से एक है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण चरम स्तर पर पहुँच गया है।और कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर भी बढ़ गई है।जिसमें प्रदेश के सभी जिलों में शासकीय शिक्षकों का कोरोना टीकाकरण, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, सर्वे ,जिला सीमा में बैरियर ड्यूटी आदि जैसे कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में अनेकों कार्यों में ड्यूटी लगाई गई है। जिसके कारण लगातार शिक्षक कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहें हैं और असामयिक काल कलवित हो रहें हैं।और वर्तमान में प्रदेश भर में सैकड़ों शिक्षकों का निधन भी हो चुका है।जिस प्रकार स्वास्थ्य, राजस्व, पुलिस,पंचायत, महिला व बालविकास विभाग के कर्मचारियों को फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स का दर्जा देकर टीकाकरण व अन्य सुविधा का लाभ मिल रहा है किंतु शिक्षकों को प्रशासन द्वारा न ही समुचित सुरक्षा संसाधन, न टीकाकरण की व्यवस्था की गई है।कर्मचारियों को कार्य के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने की दशा में 50 लाख की बीमा का प्रावधान किया गया है किंतु शिक्षक वर्ग इस लाभ से भी वंचित है। इसके बाद भी शिक्षक पूर्ण कर्त्तव्यनिष्ठा से सरकार द्वारा प्रदत्त दायित्वों का निर्वहन कर रहें हैं।*
*छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय सचिव सुखनंदन यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान में सभी शिक्षकों के टीकाकरण और बीमा का लाभ मिलने हेतु छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के द्वारा लॉकडाउन के दौरान भी पोस्टर अभियान के माध्यम से प्रदेश सरकार के समक्ष अपनी मांगें रख रहे हैं।और लॉकडाउन के पश्चात शासन के समक्ष व प्रशासन के सभी संबंधित व सक्षम अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर मांगें पूरी करने का प्रयास किया जायेगा।परन्तु कोरोना टीकाकरण और बीमा की मांग कर रहे शिक्षकों को कोई लाभ तो नही मिल रहा है लेकिन कोरोना जांच में ड्यूटी जरूर लगा दी गई है। कोरोना जाँच के दौरान संक्रमण से किसी शिक्षक की अगर मृत्यु होती है तो उसके परिवार के भरण पोषण हेतु कोई भी विभाग जवाबदेही नहीं ले रहा है।और बिना बीमा कवर के उनके परिवार के सामने वित्तीय संकट उत्पन्न हो रहा है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय सचिव सुखनंदन यादव व कृष्ण कुमार वर्मा,चंद्रहास देवांगन,मोहन यादव, विनोद देवांगन,सुमन प्रधान,उत्तरा वर्मा,चेतन सिंह परिहार,प्रकाश चौबे,विनोद सूर्यवंशी,लक्ष्मी नारायण बंजारे,युवराज बेलचंदन,मिलेश्वर देशमुख,देवेंद्र निषाद,अंशिका मिश्रा,ममता ठाकुर,रचना राजुरकर, खिल्लन शर्मा, शशिकिरण, उपासना साहू,चंद्रमोहन बंसल,अश्विनी देवांगन,अभिनव शर्मा, अनिल थारवानी, सुजाता भाटिया, आदि पदाधिकारियों ने प्रशासन से शिक्षकों को भी फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स का दर्जा देते हुए समुचित सुरक्षा संसाधन, पीपीई किट,शतप्रतिशत टीकाकरण, और कोरोना संक्रमण से मृत्यु की दशा में 50 लाख की बीमा लाभ प्रदान करने की मांग की है।*