? संवाददाता तेनसिंह मरकाम गरियाबंद
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जिला गरियाबंद में कोरोना काल के दौरान जिस प्रकार ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को प्रतिरुप प्रदान करते हुए पुनः एक बार फिर गरियाबंद के पांचों विकासखण्ड के 336 ग्राम पंचायतों में कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री निलेश क्षीरसागर तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्री चन्द्रकांत वर्मा के निर्देशानुसार प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सक्रिय मजदूरों को रोजगार मोहैया कराने के उद्देश से रणनीति तैयार कर कार्य किया जा रहा है,
प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं उसके आश्रित ग्राम में पर्याप्त मात्रा में रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु मजदूरी मूलक कार्य जैसे- तालाब निर्माण, डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण, भूमि सुधार, नाला सफाई, इत्यादि कार्य कराया जा रहा है, तथा नीचले स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के कारण वर्तमान स्थिति में एक लाख से भी अधिक अकुशल श्रमिक अपने गांव में ही रोजगार का सृजन कर पा रहे है। ज्ञात हो कि महात्मा गांधी नरेगा रोजगार मोहैया कराने की दृष्टि से सबसे बड़ी योजना है। जो अकुशल श्रमिकों के कार्य के आधार पर प्रतिदिवस 190 रुपये के दर से भुगतान किया जाता है। रोजगार के साथ-साथ जल संरक्षण, जल संवर्धन, भूमि विकास, वृक्षारोपण, स्वसहायता समूह हेतु कार्य, सामुदायिक एवं व्यक्तिगत मूलक कार्यों के तथा ग्रामीण अधोसंरचना हेतु स्थायी परिसम्पतियों का निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत जिला गरियाबंद में कोरोना काल के दौरान प्रतिदिवस एक लाख से भी अधिक श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया था, जिसके कारण ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो पाया तथा प्रवासी श्रमिकों को पलायन की स्थिति पुनः निर्मित नहीं हुआ। वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु जिला गरियाबंद को प्रदाय कुल 97 लाख 41 हजार मानव दिवस के विरुद्ध अद्यतन स्थिति में 73 प्रतिशत मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है तथा समय पर 97 प्रतिशत मजदूरी भुगतान किया जा रहा है, जिसके कारण मजदूरों को कार्य के प्रति उत्साहित होकर बढ़-चढकर मनरेगा अंतर्गत कार्य करने हेतु आगे आ रहे है, फलस्वरुप 1 लाख से अधिक श्रमिक मनरेगा योजनान्तर्गत कार्य कर रहे है।
जिला गरियाबंद में एक नवीन पहल करते हुए वन अधिकार के तहत प्राप्त पट्टाधारी जमीन में कृषि करने हेतु इच्छुक हितग्राहीयों के जमीन में भूमि सुधार, डबरी निर्माण, कुंआ निर्माण, तालाब निर्माण का कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत कृषक अपने जमीन में कार्य करने के साथ-साथ मजूदरी राशि प्राप्त कर रहा है, जिसके तहत खेत का निर्माण भी हो जा रहा है। जिसे देखकर अन्य कृषक भी अपने जमीन में उपरोक्त कार्य लिये जा रहे है तथा साथ ही साथ वृक्षारोपण, कृषि, बाडी विकास कार्य एवं मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। जिससे उसकी आजिविका को सुदृढ़ करने में मनरेगा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।