आजादी के सात दशक बाद भी लालटेन की रौशनी मे जिंदगी बसर करने मजबूर

? ब्यूरो रिपोर्ट विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद

मैनपुर।ग्राम पंचायत तौरेंगा में आजादी के बाद से अब तक सरकार द्वारा गांव के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजना चलाई जा रही है हैरानी की बात यह है कि वर्षो बाद भी गरियांबद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र अंतर्गत कई गांव ऐसे है, जंहा विकास तो दुर गांव के लोगो को मूलभूत सुविधा उपलब्ध नही हो सकी नेशनल हाईवे 130 सी मैनपुर देवभोग पर बसा ग्राम पंचायत तौरेंगा मूलभूत बुनियादी सुविधाओ के लिये तरस रहा है स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पेयजल, राशन जैसे मूलभूत सुविधाएं यहां के ग्रामीणों को उपलब्ध नही हो पा रही है जबकि यह गांव मुख्यमार्ग नेशनल हाईवे 130 सी मे बसा होने के कारण आये दिनो बड़े अधिकारी व जनप्रतिनिधि इसी ग्राम से होकर गुजरते है और यहां के ग्रामीण हमेशा इस ग्राम मे बिजली लगाने की मांग प्रमुखता के साथ करते है। और तो और तौरेंगा ग्राम के सीने को चीरते हुए बिजली की हाईटेंशन तारें गुजरी है लेकिन इस तार के नीचे बसे ग्राम तौरेंगा के ग्रामीण आजादी के सात दशक पश्चात् भी लालटेन की रौशनी मे जिंदगी बसर करने मजबूर हो रहे है। ग्रामीणो द्वारा बिजली की मांग को लेकर चक्का जाम से लेकर धरना प्रदर्शन आंदोलन तक किया जा चुका है। मैनपुर देवभोग मुख्य नेशनल हाइवे मार्ग मे 22 किमी दूर सड़क किनारे बसा ग्राम तौरेंगा किसी परिचय का मोहताज नही है।
ग्राम तौरेंगा में देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वः अलट बिहारी बाजपेयी भी पहुच चुके है–
ग्राम तौरेगा के विश्राम गृह मे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्यामाचरण शुक्ल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. विद्याचरण शुक्ल, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पूर्व मुख्यमंत्री स्वः मोतीलाल वोरा सहित फिल्म स्टार असरानी व कई महान राजनीतिक व फिल्मी जगत से जुड़े हस्तियां आ चुके है और तो और छत्तीसगढ प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे सहित कई विधायक, सांसद, व बडे अफसराें का समय समय पर आगमन हुआ है, लेकिन अबतक इस ग्राम की न तो तकदीर बदली और न ही तस्वीर ? ग्राम पंचायत तौरेंगा की कुल आबादी लगभग 1260 के आसपास है और इस पंचायत के ग्राम जुंगाड़ व कोदोमाली आश्रित ग्राम है। ग्राम के सरपंच परमेश्वर नेताम, अनुप कश्यप, ने news24 कैरेट संवाददाता को बताया कि इस गांव की सबसे पुरानी मांग बिजली की है, इस गांव के उपर से होकर बिजली की तारे देवभोग की तरफ गई है लेकिन कई बार आला अधिकारियो से लेकर जनप्रतिनिधियों को आवेदन निवेदन करने के बावजूद अबतक गांव मे बिजली नही लगाई गई है, सौर उर्जा घंटा दो घंटा मुश्किल से जल पाता है गांव मे कब बिजली लगेगा बताने वाला कोई नही है।
सौर उर्जा बिजली सिस्टम दम तोड रही है -ग्राम पंचायत तौरेंगा के सरपंच परमेंश्वर नेताम ने बताया कि ग्राम तौरेंगा में बिजली नही होने के कारण सौर उर्जा लगाया गया है, लेकिन घटिया स्तर के सामग्री व बिजली समान के साथ बैटरी लगने के कारण महज एक घंटा ही यह सौर उर्जा से रौशनी हो पाती है उसके बाद पुरे रात गांव के लोगो को अंधेरे में जीवन यापन करना पडता है, कई बार ग्रामीणाें ने सौर उर्जा प्लेट नया लगाने की मांग कर चुके है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
तौरेंगा के ऐतिहासिक कुआं को संरक्षण की जरूरत – तौरेंगा मे वर्षो पुराने ऐतिहासिक कुआं है जिसका पानी मीठा और मिनरल वाटर की तरह शुध्द है जब भी कोई ग्रामीण व मेहमान और बडे जनप्रतिनिधि आला अफसर इस ग्राम मे आते है तो उन्हे इस ऐतिहासिक कुआं का पानी लोग पहले दिया करते थे लेकिन अब यह कुआं संरक्षण के अभाव मे जर्जर होते जा रहा है इस कुआं को संरक्षित करने की जरूरत है, पिछले डेढ वर्ष पूर्व गरियाबंद जिला के तत्कालीन कलेक्टर श्याम धावडे, और पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने इस ऐतिहासिक कुआं का पानी भी स्वंय निकालकर पिया था और इस कुआं की संरक्षक और संवर्धन के लिए ग्राम पंचायत तथा जनपद पंचायत को निर्देश दिया था, उसके बावजूद भी इस ऐतिहासिक कुआ के संरक्षण के तरफ कोई ध्यान नही दिया गया, ग्राम के बुजूर्ग बताते है कि आज से तीस वर्ष पहले फिल्म स्टार असरानी जब तौरेगा विश्राम गृह पहुचे थे तो उन्होने यहा एक दिन रूककर पुरे आसपास जंगल क्षेत्रो मे घुमा था इस क्षेत्र का खुब तारीफ किया था, और ग्रामीणाें ने उन्हे जब इस ऐतिहासिक कुआं के पानी के बारे में बताया तो फिल्म स्टार असरानी भी इस कुआ के पानी को पिया था और काफी मिठा बताया था।
सांसद विधायक को बिजली की समस्या से अवगत कराते थक चुके है ग्रामीण

गांव में बिजली लगाने को लेकर कई बार ग्रामीण विधायक, सांसद और आला अफसराें तक आवेदन कर मांग कर चुके हैं, लेकिन बावजुद इसके अब तक शासन प्रशासन द्वारा संतोषप्रद जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है, और न ही हमारी माँगो पर अमल नहीं किया जा सका है। गांव में बिजली लगाने की मांग को लेकर ग्रामीणाें ने पूर्व में आंदोलन भी किये थे। वही इस गांव के नदी किनारे निवास करने वाले लोगो को पेयजल समस्या से जुझना पड रहा है, स्कूल भवन काफी जर्जर हो गया है, स्वास्थ्य सुविधा का हाल बेहाल है, यह गांव नेशनल हाईवे के किनारे होने के बाद भी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहा है।
सरपंच ने news24 को बताया कि
ग्राम पंचायत तौरेंगा के सरपंच परमेश्वर नेताम ने बताया कि कई बार गांव में बिजली लगाने की मांग को लेकर आवेदन देकर थक चुके है और भी मुलभुत समस्या को लेकर समय समय पर पंचायत के माध्यम से शासन स्तर तक मांगपत्र भेज रहे है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *