आत्म़निर्भर भारत के लिए समावेशी बजट- मोतीलाल साहू*

लोकेश्वर सिन्हा
गरियाबंद। बजट सत्र 21-22 नए दशक का पहला बजट है, यह नए दशक में आकांक्षी और आशावान भारत को नई उड़ान भरने के लिए पंख प्रदान करने वाला बजट सिद्ध होगा। यह बजट एक ऐसे समय में आया है, जब दुनिया पूरी तरह से कोविड़-19 की चुनौती से निकल भी नहीं पाई है, लेकिन यह भी सच है कि कोविड़ के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जिस संजीदगी, संवेदना, सजगता का परिचय दिया, वह अपने आप में इतिहास में दर्ज एक मिसाल बन गया है। उक्त़ बातें गरियाबंद प्रवास पर पहुंचे भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू ने पीडब्यूय डी रेस्ट़ हाउस में पत्रकारवार्ता लेते हुए कही है। उन्होंने कहा कि आत्म़निर्भर भारत की दृष्टि को रेखांकित करते हुए सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी और ईज ऑफ लीविंग की बुनियाद रखने वाले बजट के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व़ का अभिनंदन करती है। कोविड़ काल की कठिन परिस्थिति के बीच दूरगामी परिणाम देने वाले इस ‘सर्व जन हिताय’ बजट के लिए पार्टी वित्त़मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई देती है।
प्रदेश उपाध्यक्ष साहू ने आगे कहा कि बजट सत्र 21-22 स्वास्य़ता और कल्याण, आकांक्षी भारत के समावेशी विकास, नवाचार और शोध, मिनीमम गवर्मेंट मैक्सिमम गर्वर्नेंस, पूंजी व अवसंरचना, मानव जीवन में सुगमता का संचार के छ: स्तंभों को रेखांकित करने वाला नए दशक का बुनियादी दृष्टि पत्र है। कहा कि पिछले छ: वर्षों के शासनकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व़ में देश विकास के उन सभी आयामों को छू रहा है, जो देश के सामान्य़ जन की आकांक्षा थी। आज दुनिया के पटल पर भारत संभावनाओं व क्षमताओं से ओत-प्रोत एक गौरवशाली देश बनकर उभरा है। जब हम केंद्र सरकार के इस बजट का मूल्यांकन करते हैं तो इसके अनेक निहितार्थ नजर आते हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड़-19 के दौरान करोड़ों लोगों को मुफ्त़ राशन, करोड़ों लाभार्थियों के खातों में विभिन्ऩ योजनाओं का लाभांश पहुंचाने का काम हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व़ में भारत कोविड़ के खिलाफ लड़ाई को जीतने की तरफ अंतिम चरण में है। कहा कि हमने दो-दो वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल की है। दुनिया के सबसे बड़े देशव्यापी टीकाकरण की योजनाबद्ध शुरूआज भी हो चुकी है। यह प्रधानमंत्री श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व़ का परिचायक है। साहू ने बजट को लेकर कहा कि यह आत्म़निर्भर भारत के लिए समावेशी बजट है। यह बजट स्वास्य़कर की संरचना में बेहतरी, कृषि क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ता, किसानों की उपज का उचित मूल्य़ देकर उनकी आय को दोगुना करने की प्रतिबद्धता, सड़क और परिवहन क्षेत्र को और विस्तार देने का लक्ष्य़, आधारभूत संरचना को मजबूती, छोटे व मध्यम़ कारोबार के लिए संबल, गांवों के विकास के लिए बजटीय प्रस्ताव तथा शिक्षा क्षेत्र में नए निर्माण एवं अवसर, वरिष्ठ़ नागरिकों को आयकर भरने से राहत सहित सभी क्षेत्रों की बेहतरी के लक्ष्यों को शामिल किया गया है। श्री साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के शब्दों में कहें तो यह बजट सबके लिए “ईज ऑफ लिविंग” की दिशा में सकारात्मक़ परिवर्तन लाने वाला आत्म़निर्भर भारत का बजट है।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष राजेश साहू, महामंत्री अनिल चंद्राकर, बलदेव सिंह हुंदल, गफ्फू मेमन, सुरेन्द्र सोनटेके, रिखीराम यादव, राहुल सेन, लालाराम साहू, धनंजय नेताम, प्रवीण यादव, राधेश्याम सोनवानी सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।
-गरीब कल्याण का ख्याल-
कहा कि सन 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद की शपथ ली, तब उन्होंने कहा था कि मेरी सरकार गरीब कल्याण को समर्पित है। तब से लेकर और आजतक सरकार ने एक के बाद एक कदम गरीबों के जीवन स्तऱ को बेहतर बनाने के लिए उठाए हैं। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना के तहत अब तक आठ करोड़ परिवारों को रसोई गैंस का सिलेंडर मुफ्त़ मिला है। इस बजट में योजना को विस्तार करते हुए एक करोड़ नए लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रस्ताव बजट में किया गया है। कोविड़ के दौर में मोदी सरकार ने गरीब प्रवासी मजदूरों के लिए राशन और आर्थिक सहायता की। सरकार ने बजट में यह प्रावधान करने का प्रस्ताव किया है कि प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू एक देश-एक राशन योजना को और सुलभ बनाया जाएगा। महिलाओं को शिफ्ट़ में काम करने और उन्हें सुरक्षित माहौल में काम करने की व्यवस्था का प्रावधान भी सरकार ने किया है।
-स्वास्य़्य संरचना के प्रति दूरगामी दृष्टि-
बीते एक वर्ष में सबने स्वास्य़ने की चुनौतियों को नए नजरिए से देखा और समझा है। आपदा को अवसर में बदलने के जीवट वाली मोदी सरकार ने त्व़रित रूप से इस बजट में स्वास्य़लन की संरचना को नई प्राथमिकताओं के रूप में आगे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। स्वास्य़जन बजट में 137 फीसद की बढ़ोतरी करते हुए इसे 94 हजार करोड़ से बढ़ाते हुए 2.38 लाख करोड़ किया जाना, मोदी सरकार की स्वास्य़दा की चुनौतियों के खिलाफ भविष्य़ के स्वस्थ़ व सक्षम भारत बनाने की सजग दृष्टि को दिखाती है। स्वच्छ़ पीने के पानी की चुनौतियों से निपटने के लिए बजट में सरकार ने समान्य़ नागरिकों के गरिमापूर्ण जीवन के लिए संवेदनशीलता के दृष्टिकोण को दिखाते हैं।
-किसान कल्याण के प्रति कटिबद्धता-
श्री साहू ने कहा कि छ: वर्ष के अब तक के कार्यकाल में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किसान कल्याण को प्राथमिकता देते हुए कृषि विकास के लिए अनेक कदम उठाए हैं। देश के किसानों को सुलभ ऋण उपलब्ध़ हो इसके लिए सरकार ने पिछली बार की तुलना बढ़ोतरी करते हुए 16.5 लाख करोड़ का बजट प्रस्ताव किया है। किसानों की आय दोगुना हो, उनकी उपज का उन्हें सही मूल्य़ मिले, उन्हें अपनी फसल बेचने में कठिनाई न हो, किसानों की मेहनत आढतियों तथा बिचौलियों की भेंट न चढ़े, उन्हें बिना रूकावट के सस्ते ऋण मिले इसको लेकर सरकार लगातार सुधारवादी कदम उठा रही है। किसान सम्मान निधि के माध्यम़ से देश के करोड़ो किसानों को सलाना छ: हजार की सम्मान निधि देने का एतिहासिक निर्णय मोदी सरकार की किसान हितैषी नीतियों का परिचायक है।
-आधारभूत संरचना तथा परिवहन विकास-
देशवासी को स्वच्छ़ पानी मिले, सड़कों की पहुंच गांव-गांव तक हो, राजमार्गों का विस्तार व्यापक बने, सार्वजनिक परिवहन की सुलभता अधिक बढ़े इसके लिए केंद्र सरकार द्धारा बजट 2021-22 में प्रस्तावित प्रावधान स्वागत योग्य़ है। सरकार ने सड़क परिवहन और राजमार्ग के लिए एक लाख 18 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। इससे सड़क ढांचे के विस्तार की गति और तेज होगी। जनजीवन सुगम और व्यापारिक गतिविधियां भी तेज होगी। रेलवे को लेकर भी सरकार ने दूरदर्शिता के इस दशक की कार्ययोजना रखी है। सरकार ने पूर्व योजना के साथ भविष्योपयोगी रेलवे प्रणाली विकसित करने की मजबूत इच्छाशक्ति के साथ बजट के लिए 1.10 लाख करोड़ का प्रावधान किया है। 2023 तक सौ प्रतिशत ब्राडगेज इलेक्रि लफिकेशन का लक्ष्य़ पूरा करने की दिशा में सरकार निर्बाध गति से काम कर रही हे।
-शिक्षा और शोध को बढ़ावा-
नई शिक्षा नीति के आलोक में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व़ में सरकार द्धारा शिक्षा क्षेत्र में ढांचागत विस्तार के लिए बजट में किए गए व्यापक प्रस्तावों का भाजपा स्वागत करती है। हायर एजुकेशन कांउसिल के गठन, नए सैनिक स्कूलों की स्थापना, पहले से चल रहे 15 हजार स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में कायाकल्प़ के प्रावधान सहित जनजातीय क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी शोध और नवाचार को हर स्तऱ पर प्रोत्साहन देते हैं। भारत में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए बजट में 50 हजार करोड़ का प्रावधान अभिनंदनीय है।
-सुरक्षा पर सरकार सजग-
देश की सुरक्षा और संप्रभुता को अक्षुण्ण़ रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व़ में केंद्र की सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्म़निर्भरता के लिए किए गए सफल प्रयासों की पार्टी प्रशंसा करती है। आज का भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा, अपने सैन्य़बल के साहस तथा नागरिकों के आत्म़बल के लिए दुनिया में एक विशेष स्थान हासिल कर पाया है। रक्षा क्षेत्र में उपकरणों को लेकर भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता कम हुई है और आज का भारत निर्माता की भूमिका में आ गया है। बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की तुलना में की गई बढ़ोत्तरी स्वागतयोग्य़ है। थल, जल और नभ तीनों की सुरक्षा के लिए सरकार के प्रयास एवं तकनीक नवाचार सराहनीय है।
-मजबूत अर्थव्यवस्था का आधार बजट-
कोविड महामारी की वजह से दुनिया के सामने स्वास्य़ंल के साथ-साथ आर्थिक चुनौती भी पैदा हुई है। भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश के लिए यह चुनौती और बड़ी थी। भारत को एक तरफ कोविड के संकट से लोगों को बचाना वहीं आर्थिक चुनौती का सामना करना था। प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ मानवीयता का परिचय देते हुए लोगों के जीवन को प्राथमिकता दी बल्कि आर्थिक चुनौतियों के बीच देश की अर्थव्यवस्था को भी संभालने में सफल रहे।
श्री साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व़ में भारत ने न सिर्फ विकास की अनंत उंचाईयों को छुआ है, बल्कि वैश्विक पटल् पर एक मजबूत राष्ट्र के रूप में अपनी छाप छोड़ी है। भारत आज आर्थिक संभावनाओं वाला प्रमुख देश बन चुका है। यह बजट नए दशक के आत्म़निर्भर भारत के प्रगति की झलक दिखाई देती है। यह बजट ग्रामीण विकास के लिए है, किसान कल्याण, कृषि संरचना की सुदृढ़ता, स्वास्य़ड़ ढांचे में भविष्योन्मुखी बदलाव, आधारभूत संरचना के विकास, मजबूत आर्थिक आधार, भारत के गरीब के जीवन में बेहतरी, महिलाओं, युवाओं को नए अवसर, कारोबार को स्फूर्त गति से चलाने एवं आत्म़निर्भर भारत के संकल्पों को आकार देने के लिए है।

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