बीजापुर. वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में वन विभाग के प्रयास से दुरस्थ वन क्षेत्रों में स्थित वन प्रबंधन समितियां तेजी से विभिन्न आय मूलक गतिविधियों की ओर आकर्षित हुई है। इसका उदाहरण वन मण्डल बीजापुर के अंतर्गत जय भोले महिला स्व सहायता समूह भैरमगढ़ है। समूह की महिलाओं द्वारा मशरूम उत्पादन का अनुभव सफल साबित हुआ है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जय भोले समूह को मशरूम उत्पादन की पहली फसल में ही 17 हजार रूपए की आमदनी हो गई है। आमदनी से उत्साहित समूह द्वारा मशरूम उत्पादन के कार्य को निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है। जय भोले महिला समूह की अध्यक्षा श्रीमती वंदना ताला-पल्ली ने बताया कि मशरूम उत्पादन का यह उनका पहला अनुभव था। यह अनुभव समूह की महिलाओं के लिए अच्छा रहा। मशरूम के उत्पादन के लिए समूहों द्वारा 450 पैकेट बनाए गए थे। उसे बनाने के लिए थैली, पैरा कुट्टी तथा नारियल जूट का रेशा आदि सामग्री का उपयोग किया गया था। इसके साथ गेहूं का भूसा भी मिलाया गया था। इसमें समूह को कुल 9 हजार रूपए का खर्चा आया था। इसके उपरांत 45 दिनों में ही मशरूम तोड़ने लायक हो गया, तोड़ने के बाद कुल 10 किलो मशरूम को तीन रूपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचा गया। खर्च काटकर मशरूम के उत्पादन से समूह को कुल 17 हजार रूपए की आमदनी हुई। समूह द्वारा मशरूम उत्पादन का कार्य वर्ष 2019 में शुरू किया गया है।