पटवारी के आंखों के सामने ही खेत से लकड़ी से लदी ट्रेक्टर व लकड़ी काटने वाले भागे, देखती रही पटवारी

  • तहसीलदार के निर्देश के बाद भी विलम्ब से पहुँची पटवारी, जिसका फायदा लकड़ी माफिया को मिला

पाटन। विकासखण्ड पाटन के ग्राम अचानकपुर मे शुक्रवार को प्रशासन का लचर व्य्वस्था का उदाहरण देखने को मिला। अचानकपुर से राखी मार्ग  किनारे खेत में मशीन के द्वारा बड़े बड़े कौहा सहित अन्य पेड़ो की कटाई की जा रही थी। जिसकी सूचना राजस्व विभाग को दी गई । लेकिन जब तक पटवारी मौके पर पहुंचते इसकीं सूचना लकड़ी काटने वालो को मिल गई। पटवारी के सामने ही लकड़ी से लदी ट्रेक्टर सड़क पार कर आगे बढ़ गई । वही लकड़ी काटने वाले लोग भी दोपहिया वाहन में लकड़ी काटने की मशीन को लेकर पटवारी के सामने ही खेत से बाहर निकल कर भाग गए। जब पटवारी को कार्रवाई के लिए बोला गया तो उन्होंने कहा कि वे कुछ नही कर सकती। इस तरह से किस तरह से सुनियोजित रूप से लकड़ी काटने वाले व परिवहन करने वाले फरार हुवे इसे ग्रामीण देखते ही रह गए। 

इन दिनों पाटन विकास खण्ड में अवैध रूप से लकड़ी काटने वाले काफी सक्रिय है। इसके अलावा प्रतिबंधित लकड़ी का परिवहन भी बेधड़क अबैध रूप से खुलेआम किया जा रहा है। ग्राम अचानकपुर में  ऐसे ही एक माजरा सामने आया। खेत में बड़ी संख्या में लकड़ी की कटाई होने की सूचना एसडीएम पाटन, तहसीलदार एवं पटवारी को इसकीं सूचना दी गई। उच्च अधिकारियों ने भी पटवारी को निर्देश दिए। लेकिन पटवारी मौके से तत्काल रवाना होने के बजाय कार्यालय में ही बैठी रही। जब तक किसी ने लकड़ी काटने वाले को कार्रवाई के बारे में सूचना दे दिया। फिर से तहसीलदार को सूचना दिए तब उनके द्वारा पटवारी को फिर फोन किया गया। जिसके बाद पटवारी हरकत में आई। और मौके के लिए निकले। जब पटवारी मौके पर पहुंची तो ट्रेक्टर लकड़ी भरकर निकल रहा था और पेड़ काटने वाले भी अपने समान समेट रहे थे। लेकिन पटवारी मूकदर्शक बनी रही।  इसी का फायदा उठाकर पेड़ काटने वाले लोग भी अपनी सामान लेकर बाइक से भाग गए। 

पटवारी ने कहा सरपंच को सूचना देवेपटवारी सुमन भोसले को जब एक ग्रामीण ने लकड़ी काटने जाने की जानकारी दी तब उनके द्वारा कहा गया कि वे गाव के सरपंच को सूचना दे। गौरतलब हो कि जिस समय पटवारी को सूचना दी गई उस समय पटवारी अचानकपुर में कार्यालय में थी। जब पटवारी ने सूचना पर संज्ञान नही लिया तो एसडीएम  व तहसीलदार  को मोबाइल के माध्यम से  इसकीं सूचना दिए। इसके बाद हरकत में आया प्रसाशन ने पटवारी को फोन कर निर्देश दिए। इसके बाद भी पटवारी अपने कार्यलय में बैठी रही। वही जब एक बार और तहसीलदार का फोन आया तब पटवारी मौके पर जाने निकली। तब तक बहुत विलम्ब हो गया था। जिस कारण लकड़ी काटने वालो को भागने का समय मिल गया।

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