देवभोग : ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन्द्र मांझी ने केंद्र के इस बजट को पूंजीपतियों का बजट कहा

? संवाददाता तेनसिंह मरकाम गरियाबंद

गरियाबंद : देवभोग ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन्द्र मांझी ने केंद्र की इस बजट को निराशा का बजट कहा भारत की बहुत सी आर्थिक समस्याओं में महंगाई की समस्या एक मुख्य समस्या है l केन्द्र सरकार की गलत नीति के कारण महंगाई की समस्या विकराल रुप धारण कर चुकी है l आज के इस बजट से यह स्पष्ट हो गया है कि महंगाई अब और अधिक आग उगलने वाला है l स्वास्थ्य और शिक्षा पर इस बजट में कुछ भी विशेष नहीं है l

अध्यक्ष ने कहा कि पिछले साल जिस तरह से लोगों को वैश्विक बीमारी कोरोना ने बुरी तरह प्रभावित किया,अब उससे उबरने के लिए बजट में कुछ राहत की बजाय लोगों के उम्मीदें और टूट गया है दैनिक जीवन के आवश्यक वस्तुओं के कीमतों के बेतहाशा दामों में कोई भी कमी नहीं हुआ है l इसमें यूरिया महंगा होने से किसानों का बजट असंतुलित हो जाएगा l पहले तीन काले कानून से किसान परेशान हैं बढ़ती महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं l केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने दैनिक उपयोग की वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि कर एक बार फ़िर ये साबित कर दिया है कि ये सरकार लूट खसोट और आम आदमी के घरों में डाका डालने वाला व जेब काटने वाला सरकार है l इलेक्ट्रॉनिक सामान और मोबाइल व उसके चार्जर मध्यम वर्गीय व्यक्ति के उपयोग में आने वाला सामान है उसके मूल्य में वृद्धि का कोई औचित्य ही नहीं है l इसी प्रकार सूती कपडों के मूल्य में वृद्धि कर केंद्र सरकार क्या संदेश देना चाह रहा है l ये किसी से भी पूछने पर पता चल जाएगा l

अध्यक्ष ने कहा कि सेब,चना,दाल,काबुली चना भी महंगा हो गया अर्थात कुछ खाने से पहले उसका मूल्य देखकर निश्चित करना पड़ेगा कि इसको खाने से हमारा बजट तो नहीं गडबडा जाएगा l इसी प्रकार प्रथम दृष्ट्या जब ये साबित हो चुका है कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने यूरिया और डीएपी खाद मूल्यों में बढ़ोतरी कर उपरोक्त कथन की पुष्टि कर मुहर भी लगा दिया है कि यकीनन मोदी सरकार किसान विरोधी की सरकार है l पेट्रोल और डीजल के दामों में तो जैसे पंख ही लग गए हैं वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं लगातार पेट्रोल और डीजल के के दामो में होती वृद्धि को जनता को मुंह बाए खड़े होकर देखने के अलावा और कुछ कर पाने में अक्षम महसूस कर रहा है केन्द्र के इस बजट से हर वर्गो को निराशा हाथ लगी है l यह बजट पूंजीपतियों का बजट है l

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