बेमेतरा जिले मे उद्योग लगाने के इच्छुक उद्यामियों को मिलेगा सबसिडी का लाभ-कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे

  • छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति हिन्दुस्तान मे सबसे बेहतर-उद्योग मंत्री कवासी लखमा
  • उद्योग विभाग द्वारा बेमेतरा मे ‘‘उद्यम समागम‘‘ का आयोजन

बेमेतरा। प्रदेश के कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन, मछली पालन, जलसंसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे के मुख्य आतिथ्य एवं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा की अध्यक्षता मे, जिले में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगांे को बढ़ावा देने हेतु वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा आज मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला ‘‘उद्यम समागम‘‘ का आयोजन जिला मुख्यालय बेमेतरा के एक निजी स्कूल मे किया गया। विशिष्ट अतिथि के रुप मे विधायक बेमेतरा आशिष कुमार छाबड़ा एवं विधायक बीजापुर विक्रम मण्डावी उपस्थित थे।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि कृषि प्रधान बेमेतरा जिले मे कृषि आधारित उद्योग लगाने की काफी संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार द्वारा फल,फूल सब्जी एवं अन्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को अधिकाधिक प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु अनेक प्रावधान किये गये है। जिसकी जानकारी आज कार्यशाला के माध्यम से दी जा रही है। केबिनेट मंत्री श्री चौबे ने कहा कि आदिवासी बहुल जिलों की भांति बेमेतरा जिले मे यदि कोई उद्यमी अपना उद्योग स्थापित करना चाहते है, उन्हे सरकार द्वारा सबसिडी दी जायेगी। उनके लिए यह सुनहरा अवसर है, अन्यथा सबसिडी का लाभ आने वाले वर्षों मे नही मिल सकेगा। छ.ग. देश का सबसे बड़ा औद्योगिक हॅब बन सकता है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की फिजां शांत है, यहां के लोग एवं जनमानस परिश्रमी है। छ.ग. मे पानी है, खनिज, उर्जा एवं कायला प्रचुर मात्रा मे उपलब्ध है। उन्होने कहा कि कोरोना संकट के काल मे माह सितम्बर मे छ.ग. मे 23 प्रतिशत जीएसटी का संग्रहण हुआ, यह अपने आप मे एक कीर्तिमान है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मे प्रदेश सरकार द्वारा एक नयी औद्योगिक नीति बनाई गई है, जिससे प्रदेश का समावेशी विकास एवं युवा आत्मनिर्भर एवं परिपक्व हो सके। छ.ग. मे रोजगार के अवसर कैसे देना है, भूपेश सरकार के नेतृत्व मे एक नयी औद्योगिक नीति का निर्माण किया गया। हिन्दुस्तान की सबसे अच्छी उद्योग नीति छ.ग. की है। श्री लखमा ने कहा कि हमने देश के अन्य राज्य आन्ध्रप्रदेश कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात की उद्योग नीति देखी है, उनसे बेहतर छ.ग. की उद्योग नीति है। बेमेतरा एक मैदानी जिला है, जो-जो उद्यमी यहां अपना उद्योग स्थापित करना चाहते हैं उन्हे आदिवासी बहुल बस्तर की भांति सबसिडी का लाभ मिलेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार गौठान को आजीविका के केन्द्र के रुप मे विकसित कर रही है। महिला स्व-सहायता समूहों को गौठान गतिविधियों से जोड़कर उन्हे आत्म निर्भर बनाया जा रहा है।
विधायक बीजापुर श्री मण्डावी ने कहा कि उद्यम समागम का लाभ बेमेतरा जिले वासियों को मिलेगा। भविष्य मे उद्योग स्थापित होने से स्थानीय युवाओं को स्व-रोजगार मिलेगा। एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन के लिए मै उद्योग विभाग को धन्यवाद देता हूं। विधायक आशिष छाबड़ा ने कहा कि बेमेतरा एक नया जिला है, यहां उद्योग धंधे की व्यापक संभावना है। उद्योग के लिए यहां स्थान भी चिन्हीत कर लिया गया है। बेमेतरा जिले मे कृषि आधारित उद्योग लगने की काफी संभावनाएं है।
उद्योग विभाग के अपर संचालक प्रवीण शुक्ला ने भी संबोधित किया। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री कमल सिंह मीणा ने बताया कि जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में फूडपार्क हेतु कुल 118.41 हे. भूमि उद्योग विभाग को प्राप्त हुई है, तथा ग्राम-चंदनू में प्रथम चरण में 60 एकड़ भूमि पर फूडपार्क निर्माण के लिए प्लाॅन तैयार किया जा रहा है। जिसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों हेतु भूमि आबंटन, उद्योग स्थापना की प्रक्रिया एवं नियमों संबंधी जानकारी कार्यशाला में दी गई। सीआईटीकोन रायपुर से आये प्रसन्न निमोनकर ने पाॅवरपाईंट प्रजेंटेशन के जरिए उद्योग स्थापना के संबंध मे जानकारी दी। कार्यशाला मे पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल, अपर कलेक्टर संजय कुमार दीवान, एएसपी विमल कुमार बैस के अलावा बंशी लाल पटेल, अवनिश राघव, टीआर जनार्दन, ललित विश्वकर्मा सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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