5 हैक्टे.जंगल में जमकर हो गया अवैध कटाई और चुपचाप बैठा रहा वनविभाग

केशकालवनमंण्डल केशकाल के वनपरिक्षेत्र बड़े राजपुर के कोरगांव सर्किल अंर्तगत टेंवसा बीट में ग्राम कोलियाबेडा और सालेभाट के बीच साल वृक्ष के जंगल में बहुत बड़े वनक्षेत्र में जमकर कटाई कर दिया गया। वनविभाग वालों को अवैध कटाई आरंभ होते ही ग्राम सालेभाट के लोगों ने सूचित कर यथोचित कार्यवाही करने का आग्रह किया था परन्तु वन विभाग वालों ने उनकी सूचना को अनसुनी कर दिया जिसके बाद सालेभाट गांव के लोगों ने भी उसी वनक्षेत्र में कटाई कर दिया। वन विभाग के रहनुमाओं ने महज कुछ बल्लियों को दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में जप्त कर प्यू.आर.काटकर अवैध कटाई के मामले पर पानी फेरने की कोशिश किया । वनविभाग वालों के द्वारा बड़े क्षेत्रफल में हुए बड़े पैमाने पर कटाई के मामले को दबा देने के रवैय्ये के चलते 45घर वाले कोलियाबेडा और 180घर वाले सालेभाट के गांव वालों के बीच आपस में मतभेद व विवाद बढ़ता गया और नौबत झगड़ा मारपीट तक पंहुच गया ।उसके बाद जंगल और कटाई को लेकर गांव वाले पहले पुलिस थाना फिर बिश्रामपुरी पुलिस थाना पंहुच गये जिसके बाद मजबुरन वन विभाग वालों को अवैध कटाई के लगभग एक महिने बाद दल बल सहित पंहुच जांच कार्रवाई आरंभ करना पड़ गया। 12जनवरी को अवैध कटाई की लकड़ियों में से आधा अधुरा लकड़ी जप्त कर कोरगांव के निस्तार डिपो लाया गया। अब अवैध कटाई के जवाबदेही की आंच से बचने बचाने के लिए वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी अवैध कटाई में में कटे पेड़ पौधों की संख्या एवं रकबा को और क्षति को कम से कम दर्शाने का हर संभव जुगत लगाना आरंभ कर दिया गया है। अभी तक नहीं पहुंचे वरिष्ठ वन अधिकारी वनमंणडल मुख्यालय से महज चंद दूरी पर स्थित वनक्षेत्र को लेकर दो गांव वालों के बीच उपजे गंभीर विवाद की हकिकत जानकर उसे सुलझाने और हुए अंधाधुंध अवैध कटाई का मुआयना करने अभी तक वनमंणडल के न डी.एफ.ओ. मौके तक न पहुंचे हैं और न सी.सी.एफ.।जबकि मौके पर पहुंचकर हुए वरिष्ठ अधिकारियों को क्षति का मुआयना करना और वन क्षेत्र के हक को लेकर कोलियाबेडा एवं सालेभाट के गांव वालो के बीच उपजे विवाद को सुलझाने का यथाशीघ्र पहल प्रयास प्रयास प्रारंभ किया जाना निहायत जरूरी समझा जा रहा है।क्योंकि अगर वनक्षेत्र को लेकर जंगल के दोनो छोर के गांव वालों के बीच तकरार चलता रहा तो भविष्य में कभी भी कोई भी गंभीर अप्रिय वारदात घटित हो जाने का खतरा बढता जायेगा। दोनों गांव वालों के बीच आपसी भाईचारा और सहयोग का भाव बना रहे इसलिए वनक्षेत्र को लेकर उपजे मतभेद का सर्वमान्य हल निकालना निहायत जरूरी हो गया है।

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