देवरीबंगला। जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य चंद्रप्रभा सुधाकर ने किसान आंदोलन पर केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। मोदी सरकार की हठधर्मिता के कारण 8 बार की चर्चा के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला है। केंद्र की भाजपा सरकार अडानी, अंबानी सहित अन्य उद्योगपतियों के मोहजाल में फंसकर किसानों की उन्नति और प्रगति रोक रही है। जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष नवनियुक्त ब्लॉक कांग्रेस कमेटी दल्ली राजहरा, अर्जुनदा, देवरीबंगला एवं डौंडीलोहारा के अध्यक्षों से चर्चा कर रही थी।
चंद्रप्रभा ने कहा कि जब से कृषि बिल लागू हुआ है, तब से किसानों की चिंता बढ़ गई है। पिछले डेढ़ माह से ज्यादा समय से ठंड के मौसम में देश भर से आए किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। किसान कृषि बिल वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर केंद्र सरकार ध्यान नहीं दे रही है। आंदोलन के दौरान धरना स्थल पर अब तक 57 किसान शहीद हो चुके हैं, फिर भी मोदी सरकार देश के किसानों की मांगों को पूरा नहीं कर रही है।
चंद्रप्रभा ने कहा कि बार-बार किसानों के प्रतिनिधिमंडल से केंद्र सरकार की चर्चा के बावजूद सार्थक नतीजे न आना केंद्र सरकार की विफलता है। एक ओर केंद्र की भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कृषि बिल में शामिल नहीं कर रही है। इससे मोदी सरकार की नीयत में खोट का पता चलता है।
चंद्रप्रभा ने कहा कि जिस छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी हो रही है, वहां राज्य सरकार को कम बारदाना देकर धान खरीदी प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। लेवी में चावल न लेकर या अन्य प्रकार के षड्यंत्र करते हुए किसानों को फसल का उचित मूल्य देने से रोका जा रहा है। यह भाजपा के दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
केंद्र में 6 साल से भाजपा की सरकार है। भाजपा के राज में महंगाई, बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। लोकतंत्र को कुचलने वाले भाजपा नेताओं को लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है। हरेक व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए जमा करने, 2 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष रोजगार देने, किसानों की आय दोगुना करने, महंगाई कम करने सहित कई खोखले वादे कर केंद्र की सत्ता में आई भाजपा सरकार हर मामले में विफल रही है। गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतें कम होने की बजाय लगातार बढ़ रही है, दूसरी ओर केंद्र सरकार की कुनीतियों के कारण किसानों को फसल की कीमत बढ़ने के बजाय घट रही है। नोटबंदी लागू होने के बाद सैकड़ों लोग बैंकों में लाइन में लगने के कारण शहीद हो गए थे। जीएसटी लागू होने से व्यवसायी परेशान हैं। अब कृषि बिल लागू होने से देश के अन्नदाता परेशान हैं।