दुर्ग. मामला भिलाई नगर कोतवाली क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार पीडि़त 12 वर्षीय किशोरी के नाना ने पुलिस को सूचना दी थी कि उसका दामाद, अपनी सगी बेटी (नातिन) के साथ लगातार शारीरिक संबंध बना रहा है। इस बात की जानकारी स्वयं नातिन ने अपने नाना को चिठ्ठी में लिख कर दी थी। नाना का आरोप था कि उसकी बेटी बीएसपी में काम करती थी, जिसकी मृत्यु हो गई है। पत्नि की मृत्यु के बाद आरोपी पति ने अपनी ससुराल से नाता तोड़ लिया था और बीएसपी से पत्नी की मृत्यु पर मिली रकम पर अपना कब्जा कर लिया था। अपने बच्चों को भी नाना घर जाने से रोक दिया था। जिस पर उसकी नातिन ने अपने पडौसी को किसी प्रकार से पत्र दिया। जिसमें उसके साथ की जा रही हैवानियत का खुलासा किया गया था। पुलिस ने 27 जून 2016 को दी गई शिकायत के आधार पर आरोपी पिता के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना पश्चात अदालत के समक्ष विचारण के लिए प्रस्तुत किया था।

प्रकरण को विचारण पश्चात न्यायाधीश ममता शुक्ला ने आरोपी को अपनी बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने जैसी घिनौनी हरकत किए जाने का दोषी पाया। इस मामले में आरोपी को दफा 376 (2)(एफ) तथा 376 (2)(आई) दोनों धाराओं के तहत शेष प्राकृत जीवन काल के लिए कारावास में रखे जाने का फैसला सुनाया है। साथ ही 5-5 हजार रु. के अर्थदंड से भी दंडि़त किया गया है। इसके अलावा 506(2) के तहत 5 वर्ष कारावास व 500 रु. अर्थदंड़ से भी दंडि़त किया गया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेगी।