प्रकरण को विचारण पश्चात न्यायाधीश ममता शुक्ला ने आरोपी को अपनी बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने जैसी घिनौनी हरकत किए जाने का दोषी पाया। इस मामले में आरोपी को दफा 376 (2)(एफ) तथा 376 (2)(आई) दोनों धाराओं के तहत शेष प्राकृत जीवन काल के लिए कारावास में रखे जाने का फैसला सुनाया है। साथ ही 5-5 हजार रु. के अर्थदंड से भी दंडि़त किया गया है। इसके अलावा 506(2) के तहत 5 वर्ष कारावास व 500 रु. अर्थदंड़ से भी दंडि़त किया गया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेगी।