रायपुर। ब्यूरोक्रेट्स इंडिया ने देशभर में ऐसे आईएएस और आईपीएस अफसरों को चुना है, जिन्होंने गंभीर हालत में अपनी डयूटी को अपने परिवार से भी पहले रखा, ये सब उन्होंने आम जनता की सुरक्षा को लेकर किया। बीते साल 2020 में देश ने कोरोना महामारी का डटकर मुकाबला किया। इसमें सबसे बड़ी भूमिका उन अफसरों की रही, जिन्होंने अपने अनूठे तरीके अपना कर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया और सुरक्षित रहने का संदेश दिया।
छत्तीसगढ़ के दो आईपीएस अफसर को इस सूची में शामिल किया गया। बिलासपुर आईजी के रूप में कार्य कर हाल में परिवहन आयुक्त बनाए गए आईपीएस अफसर दीपांशु काबरा ने कोरोना काल के दौरान जरूरतमंदों तक सामग्री पहुंचाने के लिए हेल्प चेन की शुरुआत की थी। काबरा की सूझबूझ और कम्युनिटी पुलिसिंग ने लोगों को भोजन, पलायन कर रहे मजदूरों की मदद, दवाइयां जैसी जरूरी चीजें लोगों तक पहुंचाने का काम किया।
काबरा ने ट्विटर जैसे सोशल मीडिया माध्यमों के जरिये भी लोगो से जुड़ने का काम कर महामारी के दौरान ट्विटर का बेस्ट उपयोग किया। उन्होंने पहले भी पुलिस और पब्लिक रिलेशन को लेकर ‘कम्युनिटिंग पुलिसिंग’ पर बेहतर काम किया है, जो पूरे छत्तीसगढ़ में जाना जाता है।
ब्यूरोक्रेट्स इंडिया ने छत्तीसगढ़ के एक अन्य आईपीएस और रायगढ़ एसपी संतोष सिंह को भी ये अवार्ड दिया है। रायगढ़ जिले में एसपी के रूप में कमान संभाल रहे संतोष कुमार सिंह ने महामारी के इस दौर में आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए रक्षा बंधन पर ‘इस रक्षा बंधन एक रक्षा सूत्र मास्क का’ अभियान चलाया जो पूरे देश में बेस्ट पुलिसिंग के लिए जाना गया।
एसपी संतोष कुमार सिंह के इस अभियान के दौरान करीब 12 लाख मास्क का वितरण किया गया, जो एक रिकार्ड की सूची में शामिल किया गया। इसके पहले भी आदिवासी जिले नारायणपुर एसपी रहते हुए संतोष कुमार सिंह ने पुलिस और पब्लिक रिलेशन को लेकर कम्युनिटी पुलिसिंग पर बेहतर काम किया है, जो पूरे छत्तीसगढ़ में जाना जाता है। महासमुंद में भी उनकी पुलिसिंग को लोग याद करते हैं। साल 2020 में भी उन्होंने जो किया जो एक मील का पत्थर साबित हुआ।