कृषि कानून के मुद्दे पर सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई बैठक से अच्छी खबर आई. किसानों के चार प्रस्ताव में से दो पर सहमति बन गई है. 7वें दौर की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पर्यावरण अध्यादेश पर रजामंदी हो गई है. ऐसे में अब पराली जलाना जुर्म नहीं है. साथ ही बिजली बिल का मसला भी सुलझ गया है.
जिन दो मुद्दों पर रजामंदी नहीं हुई है वो तीनों कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी है. इन दोनों मुद्दों पर चार जनवरी को फिर बातचीत होगी, तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पहले की तरह इस बार भी बातचीत का वातावरण अच्छा रहा. बैठक में लगभग 50 फीसदी मसलों पर सहमति बन गई है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों ने चार प्रस्ताव रखे थे, जिसमें दो पर सहमति बन गई है. एमएसपी पर कानून को लेकर चर्चा जारी है. एमएसपी जारी रहेगी. हम एमएसपी पर लिखित आश्वसन देने के लिए तैयार हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए सम्मान और संवेदना है. आशा है कि किसान और सरकार में सहमति बनेगी.
कृषि मंत्री ने कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं के बारे में कहा कि वे आंदोलनकारियों से अनुरोध करते हैं कि बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को घर भेज दें. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में सर्द मौसम को देखते हुए मैंने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को घर भेजने का अनुरोध किया है.
बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने हमारी दो मांगों को मान लिया है. आज बातचीत अच्छी रही, अब चार जनवरी को अगली वार्ता होगी. शांतिपूर्ण ढंग से किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा.
वहीं, अखिल भारतीय किसान सभा के पंजाब अध्यक्ष बलकारन सिंह बराड़ ने कहा कि आज की बैठक सकारात्मक रही. सरकार लगातार कहती रही है कि हमें आंदोलन को खत्म कर देना चाहिए और एक समिति बनानी चाहिए. लेकिन हमने उनकी बात नहीं मानी. हम अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे. हम कोई समिति नहीं बनाएंगे. अब हम अगली बैठक में एमएसपी पर चर्चा करेंगे।