परिवहन विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर और गरियाबंद जिले में हीरो मोटरकार्प और होंडा मोटरसायकल एंड स्कूटर इंडिया लिमिटेड के सभी शो रूम से गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध

रायपुर। परिवहन विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर और गरियाबंद जिले में हीरो मोटरकार्प और होंडा मोटरसायकल एंड स्कूटर इंडिया लिमिटेड के सभी शो रूम से गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब इन कंपनियों के डीलर्स किसी भी तरह की टू व्हीलर गाड़ियां नहीं बेच सकेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हीरो मोटरकार्प और होंडा कंपनी की टू व्हीलर बेचने वाले डीलरों ने छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम 1994 के नियम 184 (क) के प्रावधानों के तहत राज्य में गाड़ियों की बिक्री की अनुमति नहीं ली थी। लंबे समय से डीलर बगैर अनुमति गाड़ियां बेधड़क बेच रहे थे। मामला संज्ञान में आने के बाद 23 दिसंबर 2020 को रायपुर आरटीओ ने सभी हीरो मोटरकार्प और होंडा के सभी डीलरों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था।
होंडा कंपनी के डीलरों की ओर से किसी तरह का जवाब नहीं दिया गया, जबकि हीरो मोटरकार्प के कुछ डीलरों ने अलग-अलग वजह बताते हुए जवाब भेजा था। कुछ ने अपने जवाब में यह कहा कि सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1989 की धारा 126 के तहत गाड़ियों की बिक्री की अनुमति ली गई है। राज्य से अनुमति लिए जाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि कुछ डीलरों ने अपनी दलील में कहा कि पूर्व में अनुमति ली जाती थी, लेकिन चूक हो गई, भविष्य में ऐसी नौबत नहीं आएगी।
अनुमति जल्द ली जाएगी। डीलरों के जवाब से परिवहन विभाग संतुष्ट नहीं हुआ, लिहाजा रायपुर और गरियाबंद जिले में आरटीओ की ओर से आगामी आदेश तक गाडियों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। विभाग ने डीलरों को निलंबित करते हुए कहा है कि निलंबन अवधि में गाड़ियां बेचे जाने की स्थिति में डीलरशिप निरस्त कर दी जाएगी। इस कार्रवाई पर परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर का भी बयान सामने आया है।
अब क्या करेंगे डीलर्स?
रायपुर और गरियाबंद में हीरो और होंडा कंपनी की टू व्हीलर गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगने के बाद आऱटीओ द्वारा डीलरों के वाहन पोर्टल बंद कर दिए जाएंगे। इस साफ्टवेयर के बंद होने से नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। जाहिर है बिक्री पर लगे प्रतिबंध को बायपास करना डीलरों के लिए आसान नहीं होगा। इधर प्रतिबंध हटाये जाने के लिए अब डीलरों के पास एक ही रास्ता बाकी है कि डीलर परिवहन विभाग से माॅडल एप्रुवल लें। माॅडल एप्रुवल नहीं लेने के हालात में विभाग डीलरशिप निरस्त कर सकता है। ऐसी स्थिति में कंपनी के सामने बड़ी दिक्कतें खड़ी होंगी।

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