? जिला संवाददाता तेनसिंह मरकाम गरियाबंद
गरियाबंद में एक बार फिर से किसानों ने हल्ला बोल दिया है बीते दिनों किसान और बैंक में खींचातानी जैसा माहौल देखा गया खबर है कि किसान पिछले 1 हप्ते से बैंक के चक्कर लगाने में मज़बूर है।
किसानों की भुगतान में विलम्ब को देखते हुए किसानों की सब्र का बांध टूट गया और आन्दोल में उतर आए किसान सड़को पर प्रदर्शन करते नज़र आये गरियाबंद के किसानों को जिला सहकारी बैंक से भुगतान में देरी के चलते नाराज़ किसानों ने बैंक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
बतादे की गरियाबंद जिला सहकारी बैंक के सामने लगभग 500 किसानों द्वारा भुगतान में हो रही देरी के चलते गहमागहमी शुरू हो गयी आपसी धक्का मुक्की के साथ हंगामे की स्थिति बन गयी।
इस दौरान बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए गरियाबंद पुलिस मौक़े पर पहुँचकर मामला सुलझाने की कोशिश करते नज़र आ रहे है।
किसान लगातार अपनी मांग को लेकर बैंक के विरूद्ध आवाज़ उठाते दिखाई दिए
किसानों का कहना है कि पिछले 1 सप्ताह से पासबुक जमा कर जिला सहकारी मर्यादित बैंक के सामने चक्कर काटते फिर रहे। लेकिन खाताधारक को आज तक राशि भुगतान नहीं किया गया है , औऱ बैंक कर्मचारियों की लापरवाही की वज़ह से किसानो को सुबह से दोपहर तक राशि नहीं मिलने पर किसानों को होना पड़ा नाराज , किसान जब अपनी भुगतान राशि के लिए बैंक के कर्मचारियों से पूछते है तब बैंक के कर्मचारियों द्वारा भुगतान राशि नहीं मिलने की बात करते है।
इस माहौल को देखते हुए फिर से सरकारी व्यवस्थाओ पर सवाल उठना शुरू हो गया है किसानों को हर सुविधा देने की बात शाशन घोषणा करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और बयां करते है चाहे ओ धान खरीदी हो या खरीदी का पैसे किसान सरकारी मुलाजीमो की मनमानी पर पिसता नज़र आता है।