बेमेतरा। कोविड 19 की संक्रमण दर अभी कम है लेकिन आई सी यू में मौतें अधिक हो रही हैं। इससे चिकित्सक भी चिंतित हैं क्योंकि उनके हर संभव प्रयास के बाद भी कुछ मरीज नहीं बच पा रहे हैं। मेडिकल काॅलेज हाॅस्पीटल रायपुर के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ ओ पी सुंदरानी ने बताया कि अभी ग्रामीण क्षेत्रों से ऐसे बहुत केस आ रहे हैं जिनकी उम्र 60 से अधिक है और वहीं अप्रशिक्षित प्रैक्टिशनर से इलाज कराना शुरू करते हैं और जब तकलीफ बहुत बढ़ जाती है तभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र लाते हैं और कई मामलों में मरीज आई सी यू में भी स्टेबल नहीं हो पाते हैं।
डॉ सुंदरानी ने कहा कि घर के युवा सदस्यों को कोविड अनुकूल व्यवहार करना चाहिए जैसे मास्क लगाना, भीड़ से बचना आदि अन्यथा वे यदि संक्रमित हो गए तो उनकी तबीयत ठीक हो सकती है लेकिन बुजुर्गों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को यदि मामूली सर्दी,बुखार, शरीर में दर्द, थकान, भूख न लगना, उल्टी दस्त आदि लक्षण दिखे तो तुरंत किसी चिकित्सक से ही जांच करानी चाहिए। जल्दी जांच और इलाज से मरीज के स्वस्थ होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। अभी दमा और सांस की तकलीफ वाले मरीजों को अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्हें ठंड से बचना चाहिए।