लोकेश्वर सिन्हा गरियाबंद
गरियाबंद । जिले में प्रशासनिक उदासीनता का आलम यह है कि लोगो को प्रशासन का भय ही नही है। बेख़ौफ़ अतिक्रमण कारी गावो के सार्वजनिक संसाधानों को खत्म करतें जा रहे है। अपनी ऊची पहुच व दबदबे का इस्तेमाल कर अपने अवैध कार्यो को अंजाम देने के लिए उपयोग कर रहे है। मामला गरियबन्द जिले के छुरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोंड का है। जंहा गांव के एक व्यक्ति द्वारा राजा तालाब के 17 एकड़ भूमि से 3 एकड़ को निस्तारी के लिए छोड़ कर बाकी 13 एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा करने के लिए जेसीबी मशीन से खाली तलाब की जगह पर मिट्टी खोदाई करके सार्वजनिक तालाब में मेड़ बना कर कब्जा कर रहा था। और कब्जाधारी व्यक्ति रितेश साहू द्वारा तालाब के बाकी भूमि पर अपना कब्जा बता कर लोगो को गुमराह किया जा रहा था। जबकि यह सारी भूमि सरकारी तालाब की भूमि है। ग्रामीणों के शिकायत पर उक्त स्थल पर पहुचने पर अतिक्रमण कारी द्वारा खुद की भूमि होने का दावा किया गया, जब उक्त भूमि कागज की मांग की गई तो कब्जा बरसो से बताया। इस सम्बंध में छुरा तहसीलदार कुसुम प्रधान को मामले को लेकर फोन से अवगत कराया गया। जंहा उनके द्वारा पुलिस भेजने तथा आर आई को भेजने की बात कही गई, किन्तु दो धण्टे बाद भी कोई नही पहुचा। अलबत्ता ग्राम सरपंच दयन्ति कवंर जरूर मौके पर पहुच गई, जिसने काम को बंद करने तथा आगामी मीटिंग के बाद कुछ निर्णय लेने की बात कही गई। सरपंच ने बताया कि तालाब से ऊपर भाग में पंचायत के द्वारा तालाब भरने के लिए बोर कराया गया है। फिर भी गांव व वार्ड वासियो को धोखे में रख कर तालाब की जमीन में मेड बना कर अवैध कब्जा करना चाह रहा था समझाइस देने के बाद नही करेगा।
वही राजा तालाब पोंड के वार्ड वासियो ने बताया कि गांव में कुछ रसूखदार लोग रहते है जो अपने आप को भाजपा नेता पूर्व सांसद एवं विधायक का रिस्तेदार होने का धौस देते हुए अवैध कार्यो का संचालन करते है। गांव के लोगों का कहना है कि “आदमी मन ले कौन लढही” कहते है और गांव के सार्वजनिक संसाधनों पर कब्जा किये जा रहे है।
तालाब की अवैध खुदाई के बाद इसकी सूचना खनिज अधिकारी को देने पर उन्होंने हमेशा की तरह मीटिंग का बहाना बना कर टाल गए। वही खनिज इंस्पेक्टर मिलिंद गुहा को बार बार उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया पर वो अधिकारी कॉल रिसीव नही किये और अपना मोबाईल स्विच ऑफ कर दिये। खनिज विभाग का यह हाल है तालाब की अवैध खुदाई में लगा वाहन इस सारी कवायत के बीच भाग निकला। उल्लेखनीय है कि जिले में पाण्डुका, पोंड, छुरा तहसील राजस्व क्षेत्र अंतर्गत आता है यंहा हो रहे अतिक्रमण व अन्य प्रकरणों में दूरी होने के कारण यह लोग फायदा उठाते है यंहा ब्लाक मुख्यालय छुरा से अधिकारी को पहुचने में बहुत देर हो जाती है। तथा मैदानी अमला भी स्थानीय लोगो के साथ मिला होने के कारण सूचनाएं विभाग तक पहुच ही नही पाता।
जिले के मुखिया जंहा अवैध उत्खन पर नकेल लगाने का आदेश दे रहे है वही जिले के खनिज अफसर सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी करने के बजाय सेटिंग में माहिर है जब भी कंही अवैध उत्खनन होता है, बताए जाने पर भी दो दो दिनों तक उक्त स्थल तक नही पहुचते है। पर वो अवैध उत्खनन कर्ता जरूर संबंधित विभाग के ऑफिस में पहुंच जाता हैं। अधिकारी हमेशा अपनी जिम्मेदारी को छोड़कर दूसरे कार्यो में ही व्यस्त नजर आते है। उनके क्षेत्र में आकर रायपुर आरटीओ कार्यवाही कर रेत के वाहनों को पकड़ रहा है लेकिन जिले के खनिज अफसर सो रहे हैं नगर के पास ही कई जगह अवैध मुरुम और मिट्टी की खुदाई बड़े-बड़े मशीनों से चल रही है मिट्टी को बेचा जा रहा है फिर भी खनिज अफसर गरियाबंद छोड़कर फिल्ड में होने की बात ही कहते हैं पता नहीं कि आखिर यह लोग सरकार को कितना राजस्व का फायदा करा रहे हैं इनकी हरकतों से यह तो साफ नजर आता है कि यह इन अवैध उत्खनन वाले गिरोह के लोगों के साथ अप्रत्यक्ष रूप से इनका भरपूर सहयोग कर हौसले बुलंद कर रहे हैं।