बेमेतरा: नवाचारी शिक्षकों की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक सम्पन्न इतना तो मेरे बच्चे कर ही सकते हैं…..

बेमेतरा। कोविड-19 ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है। शिक्षा भी इससे अछूती नहीं रही। बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा विविध प्रयास किए गए हैं। पढ़ई तुँहर दुआर, पढ़ई तुँहर पारा, मोहल्ला कक्षाएँ, बुल्टु के बोल, लाउड स्पीकर, आॅनलाईन कक्षाएँ जैसे प्रयासों के पश्चात कक्षा 01 से कक्षा 08 तक के सभी बच्चों में विषयों की बुनियादी दक्षताएँ विकसित करने हेतु शासन द्वारा सर्वप्रथम हिंदी और गणित विषयों को लिया गया है
कक्षा 1 से 8 तक शत-प्रतिशत बच्चों को भाषा एवं गणित की बुनियादी दक्षताएँ अनिवार्य रूप से आ ही जाएँ, इसको लेकर राज्य शासन संकल्पित है। ये दक्षताएँ प्रारंभिक व आसान हैं जिसे हर बच्चा इन्हें सीख सकता है और हर शिक्षक इन्हें सिखा सकता है। इस पूरे कार्यक्रम को नाम दिया गया है- ‘‘इतना तो मेरे बच्चे कर ही सकते हैं’’।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यह कार्य दिसम्बर 2020 के तृतीय सप्ताह से मार्च 2021 अर्थात 100 दिनों में पूर्ण किया जाना है। कक्षा 1 से 8 तक के समस्त विद्यार्थियों को तीन समूह में रखा गया है समूह 1-कक्षा 1 से 2, समूह 2-कक्षा 3 से 5, एवं समूह 3- कक्षा 6 से 8 राज्य शासन के द्वारा पढ़ई तुँहर दुआर (स्कूलडाॅटइन) पोर्टल में ही आॅनलाईन हर बच्चे की आंकलन रिपोर्ट तैयार करने की व्यवस्था की गई है। इस रिपोर्ट से पता चलेगा कि कौन से बच्चे इन दक्षताओं को प्राप्त कर चुके हैं और कौन से नहीं कर पाए हैं। जिन बच्चों ने दक्षताएँ प्राप्त नहीं की है उनका उपचारात्मक शिक्षण किया जावेगा। उपचारात्मक शिक्षण हेतु शिक्षक स्व-निर्मित सामग्री या छ.ग. राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रायपुर द्वारा तैयार की गई सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि उपचारात्मक शिक्षण प्रत्येक माह के तृतीय सप्ताह तक किया जावेगा तथा अंतिम सप्ताह में आकलन किया जावेगा। जिन विद्यार्थियों ने ये दक्षताएँ प्राप्त कर ली हैं वे अन्य विषयों की यथावत पढ़ाई करते रहेंगे। प्रतिमाह होने वाले आकलन में सभी बच्चों को अर्थात जिन बच्चों ने दक्षताएँ हासिल कर ली हैं और वे जिनका दक्षताएँ हासिल नहीं किये जाने के कारण उपचारात्मक शिक्षण किया जा रहा होगा, दोनों प्रकार के बच्चों को शामिल किया जावेगा। मार्च 2021 तक प्रति माह सतत् रूप से शत्-प्रतिशत बच्चों का आकलन, उनकी प्रगति का अवलोकन एवं आवश्यकतानुसार उपचारात्मक शिक्षण किया जाता रहेगा। प्रत्येक विषय में ली गई दक्षताओं को चार उप-दक्षताओं में बांटा गया है। शिक्षक जब पूरी तरह से संतुष्ट हो जाएँ कि बच्चे ने किसी उपदक्षता को पूर्ण रूप से प्राप्त कर लिया है तभी ‘हाँ’ का विकल्प चुनें। श्रीमती तिवारी ने निर्देशित किया कि सत्रांत तक सभी संस्था प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे कि विद्यालय के कक्षा 1 से 8 तक के शत्-प्रतिशत बच्चों ने भाषा एवं गणित की बुनियादी दक्षताएँ हासिल कर ली है।
उन्होंने बताया कि आंकलन/उपचारात्मक शिक्षण आॅनलाईन अथवा पढ़ाई तुँहर दुआर/पढ़ई तुँहर पारा/मोहल्ला विद्यालय/लाउड स्पीकर द्वारा किया जा सकता है किन्तु आंकलन की प्रविष्टियाँ आॅनलाईन होगी, इस हेतु वर्चुअल स्कूल का निर्माण http://www.cgschool.in/ में किया गया है। डी.ई.ओ. ने इसे प्राथमिकता प्रदान करते हुए प्रत्येक स्तर पर सघन माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं ताकि शासन की मंशा के अनुरूप जिले के प्रत्येक विद्यार्थी भाषा एवं गणित की न्यूनतम बुनियादी दक्षताओं को प्राप्त कर सकें। बैठक में श्री सुनील तिवारी, सहायक सांख्यिकी अधिकारी, श्री कमोद ठाकुर डी.एम.सी. उपस्थित थे।

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