पाटन.स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा माह फरवरी में राज्य के तीन जिलों दुर्ग,रायपुर और बलौदाबाजार में सिकलसेल सुरक्षा अभियान चलाया जाना है ।जिसकी प्रारम्भिक तैयारियां स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्ण कर लिया गया है जिसके लिए पाटन ब्लाक के अंतर्गत आने वाले सभी सेक्टर भिलाई तीन,रानितराई, सेलूद, गाड़ाडीह,पाटन एवं झीट में इस अभियान में कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।सिकलसेल सुरक्षा अभियान चलाए जाने का पीछे शासन मुख्य उद्देश्य छतीसगढ़ की जनता को जो सिकलसेल या सिकलिंग रोग के कारण असमय मृत्यु ,पीड़ा,एवं अन्य दुष्प्रभाव से ग्रसित होते है उससे उनका बचाव किया जा सके इसलिए इस अभियान में मातृ एवं शिशु अवस्था मे सिकलसेल रोग के प्रकरणों की पहचान कर सुरक्षा की समग्र सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी जिससे सिकलसेल के मरीज सामान्य आयु तक एवं पीड़ारहित जीवन व्यतीत कर पाए ।स्वास्थ्य विभाग पाटन के खंड विस्तार एवं प्रशिक्षण अधिकारी बी एल वर्मा ने कर्मचारियों को सिकलसेल सुरक्षा अभियान के बारे में प्रशिक्षण देते हुए विस्तृत जानकारी दिया कि अभियान के तहत प्राथमिक लक्षित समूह में सभी पंजीकृत गर्भवती महिलाओं का सिकलिंग सोलुब्लिटी टेस्ट किया जाना है उसके बाद जिस गर्भवती महिला का सिकलिंग सोलुब्लिटी धनात्मक पाया जाएगा उसके पति का ,सिकलसेल धनात्मक दंपतियों के जन्मे शिशु 6 माह से 18 माह आयु तक तथा सिकलसेल धनात्मक दम्पत्तियों के परिवार के अन्य सदस्यों का सोलुब्लिटी टेस्ट किया जाएगा साथ ही जिनका सोलुब्लिटी टेस्ट धनात्मक पाया जाएगा उनका सैंपल कलेक्ट करके नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलेक्ट्रोफोरोसिस जांच कराया जाएगा जिससे यह पता लगाया जाएगा कि सिकलसेल के कौन से प्रकार से दंपत्ति या अन्य सदस्य पीड़ित है चूंकि सिकलसेल एक आनुवंशिक बीमारी है जो कि एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में स्थानांतरित होते रहती है इसलिए यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि सिकलसेल के दो प्रकार में से कौन से प्रकार से पीड़ित है सिकलसेल वाहक (ए एस)या सिकलसेल रोगी (एस एस) वाहक अवस्था मे व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है परंतु सिकलसेल रोगी (एस एस) की अवस्था मे व्यक्ति को बहुत से सावधानी रखने के साथ साथ चिकित्सीय सलाह व परामर्श आवश्यक हो जाता है । खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष शर्मा ने सिकलसेल सुरक्षा अभियान की बारे में बताते हुए कहा कि अभियान के तहत लक्षित समूह की स्क्रीनिंग के साथ साथ गांवो में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे ताकि सभी लोग अपनी सिकलिंग जांच अवश्य कराए साथ ही विवाह पूर्व सिकलसेल कुंडली से मिलान अवश्य करे ताकि सिकलिंग रोग के प्रसार को कम किया जा सके और स्वस्थ समाज और देश का निर्माण किया जा सके।प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य संयोजक विष्णु प्रसाद देवांगन ,संतोषी देवांगन, रिजवान अहमद ,खेलेंद्र कुर्रे,बसंत कुमार साहू , आरएस शांडिल्य , अमरीका देशलहरे,तालसिंह ठाकुर,पदमा चेलम,रंजू बिस्वास,गीता रामटेके, रूपा वर्मा,मधु देवांगन,संदीप चंद्राकर ,मिथलेश साहू,नीलकमल साहू, शुभम चंद्राकर पर्यवेक्षक चंद्रकांता साहू,आर के टण्डन लैब तकनीशियन संतोष वर्मा आदि उपस्थित रहे ।