निगम भिलाई द्वारा बनाए गए किचन कंपोस्ट की बढ़ी मांग, विभिन्न प्रतिष्ठानों के अलावा विद्यालय भी अपना रहे


भिलाईनगर. नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत स्वच्छता की दिशा में नित्य नए प्रयासों की कायावद जारी है! घरेलू कचरे का निपटान करने के लिए किचन कंपोस्ट एक बेहतर माध्यम है, गीले कचरे को कंपोस्ट रूप में परिवर्तित करने के साथ-साथ बायोगैस के उपयोग में भी कार्य करता है जोकि बहुउपयोगी माध्यम है! किचन कंपोस्ट जो निगम द्वारा तैयार किया गया है इसकी क्षमता छोटे किचन कंपोस्ट के से अधिक है इसे प्रायः प्रतिष्ठानों, होटलों, व्यवसायिक स्तर के कार्य के लिए तैयार किया गया है जिसमें गीले कचरे को डालने से बदबू भी नहीं आती है और खाद के रूप में परिवर्तित हो जाता है इसे विभिन्न प्रतिष्ठानों ने अपनाया है जैसे होटल फ्लोरेट, वार्ड 11 में छोटू होटल एवं वार्ड क्रमांक 15 में जलाराम रेस्टोरेंट सहित अन्य प्रतिष्ठानों में इसके उपयोग को देखा जा सकता है! इस नए किचन कंपोस्ट में नोजल लगे हुए हैं जोकि बायोगैस निकालने के लिए लगाया गया है इसमें पाइप लगाकर गैस का उपयोग विभिन्न व्यंजन तैयार करने में किया जा सकता है! कंपोस्ट के रूप में निकलने वाले लीचड का उपयोग पौधों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में किया जा सकता है! प्रभारी सहायक स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली ने बताया कि निगम में यह किचन कंपोस्ट उपलब्ध है जिसकी न्यूनतम अनुमानित लागत 3200 रुपए है, निगम क्षेत्र अंतर्गत उपयोग करने के लिए कोई भी इसे ले सकता है! सेक्टर-4 स्थित एसएनजी स्कूल के द्वारा इस किचन कंपोस्ट का उपयोग अपने स्कूल में करने के लिए ले जाया गया है! निगम परिसर में ऐसे बहुत से किचन कंपोस्ट तैयार कर प्रदाय करने हेतु रखे गए हैं, जिसका निर्धारित शुल्क तय किया गया है! प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि किचन कंपोस्ट विभिन्न प्रकार के पात्रों में भी किया जा सकता है जरूरी नहीं है की बड़े पात्रों में ही किचन कंपोस्ट किया जा सके कम खर्चे में भी किचन कंपोस्ट तैयार किया जा सकता है इसके लिए छोटे पात्र जैसे गमले नुमा आकृति के, मटकी, घर मे यदि जगह हो तो छोटा सा पिट बनाकर तथा गीले कचरे के डालने के बाद गीला कचरा खाद के रूप में परिवर्तित होता है और इसमें कल्चर का उपयोग करने पर बदबू भी नहीं आती है! इन विधियों में से अनेक प्रकार की तरीके इंटरनेट में भी उपलब्ध है जिनका उपयोग कर स्वच्छता अभियान में जुड़ा जा सकता है और घर एवं प्रतिष्ठानों में गीले कचरे से खाद तैयार किया जा सकता है।

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