गौशाला बना मोटी कमाई का जरिया जिले में गौ माता सुरक्षित नहीं15 दिन में भूख से लगभग 40 मवेशीयो की मौत

खबर हेमंत तिवारी ,,,,,,,,,

राजिम-हिंदू धर्म में गाय को गौ माता दर्जा दिया गया है। और अगर धोखे से भी किसी गौ माता की हत्या किसी हिंदू व्यक्ति से हो जाता हैं तो आज भी गौ हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए इक्कीस गांव में भिक्षा मांग कर पाप मुक्ति का क्रिया कर्म और नरसिंह नाथ धाम में जाकर गौ हत्या के पाप से मुक्ति पाने पूजा अर्चना दान पुण्य (कटाक्ष) किया जाता है। पर उन पापियों को कितना बड़ा पाप मिलता होगा जो गौशाला में गायों को रखकर सेवा जतन के नाम पर अपना मोटी कमाई का जरिया बना रखा है।और बेमौत गौ माता काल के गाल में समा रहे है।और ऐसे मामलों में धरम के ठेकेदार चुप्पी साधे हुए है।साथ शासन द्वारा भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

बात करते हैं नगर पंचायत कोपरा में संचालित गौशाला की जहां समिति द्वारा मवेशियों के लिए उचित देखभाल व उनके चारा पानी की व्यवस्था नही किए जाने के कारण बीते 15 दिन में गौशाला के लगभग 40 मवेशी भूख प्यास से दम तोड़ दिए हैं। वही, 15 दिन पूर्व भी इस गौशाला में अनेक मवेशियों की मौत हो चुकी हैं, साथ ही 25 से 30 मवेशी भुख प्यास से मरने की कगार पर पहुंच गए हैं। गौशाला में भूख प्यास से लगातार मवेशियों की मौत को लेकर नगर विकास एवं कृषि समिति द्वारा नगर के हनुमान मंदिर में बैठक आयोजित किया गया। इस बैठक में गौशाला के शांति मैत्री एनजीओ संस्था के संचालक मनोज साहू को बुलाया गया। लेकिन गौशाला समिति के संचालक बैठक में अनुपस्थित रहे और अपने स्थान पर नगर के ही अपने सहयोगी हलधर गोस्वामी को भेजा गया। जो इस संबंध में कुछ नही कर पाने की बात कहा गया।

नगरवासियों के शिकायत पर नगर विकास व कृषि समिति के अध्यक्ष मोतीलाल साहू, उपाध्यक्ष केजूराम साहू, सचिव लक्ष्मीनारायण पटेल, अवध सिन्हा, राजेश यादव, गिरधारी साहू, रिकेश साहू ने कुछ दिन पूर्व गौशाला का निरीक्षण किया। जहां गौशाला के अंदर व उसके आसपास मृत मवेशी व उसके कंकाल पाए गए। नगर वासियों का कहना है कि जब गौशाला चारा पानी की उचित व्यवस्था तब तक गौशाला प्रबंधन गौशाला में आना जाना करता था लेकिन अब जब गौशाला में मवेशियों के लिए चारा पानी की व्यवस्था नही होने पर गौशाला संचालक भी गौशाला में बहुत कम आना जाना करते हैं। नगरवासियों का यह भी कहना हैं कि गौशाला के चरवाहा द्वारा भी खुले मैदान में चराने ले जाते थे तब भी मवेशी कुछ हद तक ठीक थे। लेकिन गौशाला प्रबंधन समिति द्वारा चरवाहों की समय में मेहनताना भुगतान नहीं करने पर उनके द्वारा भी चराई करना बंद कर दिया। वही, गौशाला में पिछले लगभग 1 माह से मवेशियों के लिए चारा खत्म हो गया हैं। जिससे मवेशियों को सिर्फ पानी के भरोसे हो गए हैं। आखिर मवेशी सिर्फ पानी को पीकर कब तक जीवित रह सकते हैं। इसका अंदाजा लगाया जा सकता हैं। आखिरकार गौशाला में मवेशियों की रोजाना मौत हो रहा हैं। वही, मवेशियों की मृत बॉडी को खुले मैदान में फेंक दिए जाने के कारण उस मुहल्ले में रहने वाले लोगों की दुर्गंध से जीना दूभर हो गया हैं

।इस संबंध नगर विकास एवं कृषि समिति के अध्यक्ष मोतीलाल साहू ने बताया कि गौशाला में मवेशियों के लिए संचालन करने वाले एनजीओ द्वारा चारा पानी की व्यवस्था नही करने के कारण भूख प्यास से रोजाना मवेशियों की मौत हो रहा हैं। अगर जल्द ही एनजीओ द्वारा गौशाला में चारे पानी की व्यवस्था नही किया जाता और भूख प्यास से मवेशी मरना बंद नही होता तो कृषि समिति द्वारा गौशाला संचालन करने वाले एनजीओ के ऊपर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज किया जाएगा।

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