प्रभु राम जी का जीवन हम सबके लिए प्रेरणास्पद हैं – अशोक साहू

जामगांव आर – त्रिदिवसीय मानस गान प्रतियोगिता का समापन ग्राम जामगांव आर के समीपवर्ती ग्राम बोरवाय में सम्पन्न हुआ, कार्यक्रम में अतिथि के रूप में अशोक साहू उपाध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग, रूपचंद साहू सभापति जनपद पंचायत पाटन, रूपेंद्र कुमार शुक्ला जी जामगांव आर, भूषण साहू सरपंच ग्राम पंचायत बोरवाय, पूर्व सरपंच द्वय संध्या चन्द्राकर, भिखमनी चन्द्राकर, सम्मिलित हुए, कार्यक्रम का संचालन व उद्घोषक के रूप में श्री अश्वनी साहू पतोरा, श्री चंपालाल साहू कातुलबोड़ उपस्थित रहे। व श्रीमती शर्मा जी ने किया।

कार्यक्रम के अतिथि अशोक साहू ने कहा कि –   रामचरित मानस तुलसीदासजी का सुदृढ़ कीर्ति स्तंभ है जिसके कारण वे संसार में श्रेष्ठ कवि के रूप में जाने जाते है, क्योंकि मानस का कथाशिल्प, काव्यरूप, अलंकार संयोजना, छंद नियोजना और उसका प्रयोगात्मक सौंदर्य, लोक-संस्कृति तथा जीवन-मूल्यों का मनोवैज्ञानिक पक्ष अपने श्रेष्ठ रूप में है। मुक्ति और भक्ति व्यक्तिगत वस्तुएं हैं। तुलसीदास की लोकप्रियता का कारण यह है कि उन्होंने अपनी कविता में अपने देखे हुए जीवन का बहुत गहरा और व्यापक चित्रण किया है। उन्होंने राम के परंपरा-प्राप्त रूप को अपने युग के अनुरूप बनाया है। उन्होंने राम की संघर्ष-कथा को अपने समकालीन समाज और अपने जीवन की संघर्ष-कथा के आलोक में देखा है। उन्होंने वाल्मीकि और भवभूति के राम को पुन: स्थापित ही नहीं किया है बल्कि अपने युग के नायक राम को चित्रित किया है।

श्री रूपचंद साहू ने कहा कि –  सदस्य व सभापति जनपद पंचायत पाटन ने कहा कि – रामचरित मानस की रचना भले ही तुलसीदास ने स्वांत: सुखाय के हेतु की हो लेकिन तुलसी का वह स्वांत: सुखाय विश्व साहित्य तथा विश्व जन का ही स्वांत: सुखाय के रूप में देखा जाता है, जो उनके अंतस्करण में निरंतर निवास करने वाले प्रभु श्रीराम के अंतस्करण के साथ एकाकार हो गया है। तुलसीदास ऐसे संवेदनशील महाकवि हैं, जो रामचरित मानस जैसी महान कृति का उद्घाटन करने में सफल सिद्ध होते हैं। रामचरित मानस ऐसी लोकग्राह्य कृति है जिसमें समाज के लगभग हर एक वर्ग के रेखांकन की सूक्ष्मता को अत्यंत पैनी एवं गंभीर दृष्टि से देखा जा सकता है।

पुरूस्कार पुरुष वर्ग –
प्रथम पुरस्कार – बाल संस्कार मानस मंडली बेलमण्ड, द्वितीय पुरस्कार – नवगीत मानस मंडली कुथरेल अंडा, तृतीय पुरुस्कार – बाल मानस मंडली चरोदा भिलाई, चतुर्थ पुरुस्कार – सरस्वती मानस मंडली कपसदा, पंचम पुरुस्कार – आनंद सागर मानस मंडली कोनारी,
पुरूस्कार महिला वर्ग –
प्रथम पुरस्कार – नवदीप मानस मंडली अम्बागढ़ चौकी,  द्वितीय पुरस्कार – कर्मा मानस मंडली फरसिया, तृतीय पुरुस्कार – भक्ति संदेश मानस मंडली बहोरन भेड़ि,  चतुर्थ पुरुस्कार –  नाव जागृति मानस मंडली हथखोज भिलाई, पंचम पुरुस्कार – रेशमी बालिका मानस मंडली बिरकोनी, को प्राप्त हुआ।

इस पावन अवसर पर समिति के प्रबंधक – दाऊ रामगोपाल चन्द्राकर, अनिल चन्द्राकर,  अध्यक्ष संतोष चन्द्राकर, दीन दयाल विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष सेवक राम साहू, कोषाध्यक्ष युवराज चन्द्राकर, ईश्वर चन्द्राकर, सचिव चंद्रशेखर देवांगन, सह सचिव गीतेश्वर देवांगन, संयोजक – गुलाब चन्द्राकर, सह संयोजक – दौलत देवांगन, बेनुराम कामरे, युवा प्रभारी – एमन साहू, सौरभ कामरे, रमन चन्द्राकर, वीरेंद्र साहू, लकेश्वर साहू, शीतकरण जोशी, संजय गुरूपरख वरिष्ठ कार्यकर्ता – दयाराम चन्द्राकर, राधेश्याम टंडन, बालाराम साहू, ईश्वर जोशी, गन्नू साहू, पवन डहरे, भागवत साहू, परदेशी यादव, राम तिवारी, श्रवण चन्द्राकर, जिधन ठाकुर, अलेन गुरूपरख, महिला कार्यकर्ता में शकुन चन्द्राकर, सती यादव, देवकी देवांगन, संतोषी साहू, उर्मिला कामरे, कविता यादव, यशोदा देशलहरे, तारणी साहू, सावित्री साहू, गिरिजा चन्द्राकर, तारिणी साहू, गीता साहू, कुमारी यादव, कश्मीर साहू, रेवती विश्वकर्मा, पार्वती साहू रुक्मणी गुरुपरख, जामवंती चन्द्राकर, चित्रलेखा साहू, डिगेश्वरी साहू, गायत्री साहू, शकुन साहू, सरस्वती कामड़े, रानी साहू पुष्पा साहू, नर्मदा साहू, मंचीय व पूजा व्यवस्था में – देवेंद्र चन्द्राकर, दुर्गा यादव, रोहित ठाकुर, पं. अरुण तिवारी लगे रहे, कार्यक्रम का निर्देशन व संचालन योगेश चंद्राकर एवं नेतराम यदु ने ने किया इस अवसर पर स्थानीय ग्राम बोरवाय के निवासी व आसपास के ग्रामीण जन, पुरुष, महिला, युवा वर्ग, बच्चें लोग भी प्रमुखता से उपस्थित देकर श्री राम चरित का कथा श्रवण पान किया व अपनी सहभागिता सुनिश्चित किया।

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