दुर्ग। कृषि महाविद्यालय के छात्रों के विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का लगाया शिविर जिसमें रेडी कार्यक्रम में नीमास्त्र का मुख्य उद्देश्य
जैविक कीटनाशक को बढ़ावा देना है, नीमास्त्र एक कीटनाशक है, जिसका इस्तेमाल फसलों में कीटों और बीमारियों से बचने के लिए किया जाता है. नीम के पत्तों में कीटनाशक गुण होते हैं, इसलिए नीमास्त्र बनाने के लिए नीम के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है, इस कार्यंक्रम के तहत ग्राम महमरा की रेडी कार्यंक्रम के तहत एयर लेयरिंग परीक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसका उद्देश्य मूल पौधे से जुड़े तने से नए पौधे उगाना है| साथ ही बीज उपचार का प्रदर्शन किया गया।जिसका मुख्य उद्देश्य बीज स्वस्थ और रोगाणुमुक्त हों और उनका अंकुरण अच्छा हो | इस परीक्षण में बीज को कार्बेन्डाजिम से उपचार किया गया, कार्बेन्डाजिम से बीजों का उपचार करने से पौधों को ब्लास्ट जैसी बीमारियों से 40 दिनों तक सुरक्षा मिलती हैं|
रेडी कार्यंक्रम के तहत अरहर में रोग और कीटों से बचने के लिए उपाय बताया गया।
ग्राम में अरहर में विल्टिंग और जड़ सड़न की समस्या देखी गयी जिसके प्रबंधक के बारे में बताया गया।भारतीय कृषि महाविद्यालय दुर्ग के चतुर्थ वर्ष के छात्राओं ने
रेडी कार्यंक्रम के तहत ग्राम महमरा में स्वच्छ भारत अभियान का भी आयोजन किया गया।जिसका मुख्य उद्देश्य स्वच्छता और जन स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाना हैं | इस कार्यंक्रम के तहत ग्राम महमरा की महिलायें श्रीमति अनीता निषाद,चीतेश निषाद एवं ग्राम के अन्य लोग उपस्थित थे। कार्यंक्रम के संचालन के रूप में छात्राओं में रूचिका राजपूत ,सीमा चतुर्वेदी, स्वर्णा नागले, सौम्या, विपाशा सरादे, उमा पटेल, सुष्मिता, यास्मीन एवं कीर्ति के द्वारा किया गया।