दुर्ग/ बाबा गुरूघासीदास जयन्ती के अवसर पर 18 दिसम्बर 2024 को जिला स्तर पर संचालित विभिन्न विभागों के सहयोग से मद्य निषेध दिवस का आयोजन किया जाएगा। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने सर्व विभाग प्रमुख/नगरीय निकाय प्रमुख/जनपद पंचायत तथा अध्यक्ष/स्वैच्छिक संस्था प्रमुख और अध्यक्ष/सचिव/भारत वाहिनी समिति को इस संबंध में पत्र जारी कर इस अवसर पर जन सामान्य को मद्यपान के विरूद्ध व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए-ग्राम पंचायत स्तरों पर गठित भारत माता वाहिनी समिति द्वारा मद्य निषेध के पक्ष में कार्यक्रम आयोजित कराने। रेडियों एवं दूरदर्शन से नशामुक्ति कार्यक्रमों का प्रसारण। जिले के समस्त विभागों के समन्वय से नशापान के विरूद्ध समुचित कार्यवाही। यथा संभव नशा पीड़ितों से प्रत्यक्ष संवाद विकसित किया जाकर उन्हें नशापान के दुष्परिणामों की जानकारी देने। नशामुक्ति साहित्यों का वितरण। सोशल मीडिया में प्रेरक स्लोगन, चित्रों आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार। नशा तथा एड्स प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार। विद्यार्थियों में नशापान के विरुद्ध जागरूकता लाना। इस हेतु विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालय में नशापान के दुष्परिणामों पर केन्द्रित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजित किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त स्थानीय संस्कृतिक एवं परम्पराओं के अनुरूप अन्य कार्यक्रम भी आयोजित कराने कहा है।
मद्यपान निषेध दिवस के अवसर पर संकल्प भी लिये जाएंगे। जिसमें उल्लेखित है कि मुझे ज्ञात है कि नशापान से मानसिक असंतुलन की स्थिति बनती है। नशापान से कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है तथा व्यक्ति भ्रमित हो जाता है। नशापान से शारीरिक एवं मानसिक गंभीर व्याधियां होती हैं। नशापान से सामाजिक प्रतिष्ठा कम होती है तथा समाज से प्रायः उपेक्षा मिलती है। नशापान से पारिवारिक सुख एवं समृद्धि का अंत होता है, जिससे जीवन में भटकाव की स्थिति बनती है। नशापान से वातावरण प्रदूषित होता है, जिससे हमारे परिवार के बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। नशापान उच्च स्तरीय जीवन शैली का प्रतीक नहीं है। अतएव मैं संकल्प लेता/लेती हूँ कि अपने छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने, अपने परिवार में हर्षाेल्लास रखने, तन, मन, धन को सुदृढ़ बनाने, पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए सभी वर्ग के व्यक्तियों में नशापान के दुष्परिणामों को प्रचारित कर उन्हें नशामुक्ति के लिए प्रेरित करूँगा /करूँगी।