पाटन। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती के पावन अवसर में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्जित करते हुए लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर अमर रहे के नारे लगाए गए। इस उपलक्ष्य में शिवोम् विद्यापीठ के सांकरा, रायपुरा और चांगोरभाटा ब्रांच में अलग-अलग चरणों में रंगोली, चित्रकला व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिसके लिए सोमवार को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रूपनारायण सिन्हा सहयोग केंद्र प्रभारी ने विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए कहा कि आज जरूरत है माता अहिल्याबाई होलकर के आदर्शों का अनुसरण करने की तभी समाज और क्षेत्र आगे बढ़ेगा।
राजमाता ने मुगल आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए मंदिर, हिन्दू धर्म और आस्था के प्रतीकों का पुनर्निर्माण कर पुनः हिन्दू धर्म और सनातन संस्कृति को नव जीवन दिया। उनकी शासन व्यवस्था महिलाओं का सशक्तिकरण, सैन्य संचालन आदि आज भी प्रासंगिक है।
निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रज्ञा मधुकर , द्वितीय स्थान गुनिका साहू, तृतीय स्थान प्रिंसी बघेल ने प्राप्त किया।रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान इशिका चंदानी व निकिता कुमावत, द्वितीय स्थान अंजली कुशवाहा व दिक्षा देवांगन, तृतीय स्थान आर्ची पोसिया व मयूरी दिवान ने प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सूर्या साहू, द्वितीय स्थान दिव्या यादव, तृतीय स्थान सिमरन प्रीत सलूजा ने प्राप्त किया।
कार्यक्रम में उपस्थित शिवोम् विद्यापीठ के संस्थापक अवधेश शर्मा ने कहा कि जीवन में परेशानियांँ कितनी भी हो, उनसे कैसे निपटना है यह हमें लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन से सीखना चाहिए।शिवोम् स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव शर्मा ने माता अहिल्याबाई के व्यक्तित्व और कृतित्व में प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके सहयोग के कारण आज हमारे भारत की पहचान सम्मिलित एवं विकसित देशों में होती है।