रिसाली,,शासकीय नवीन महाविद्यालय रिसाली में जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के संयोजक प्रो. सतीश गोटा, सह – संयोजक डॉ. ममता थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था प्राचार्य डॉ. नागरत्ना गनवीर के द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि नागेश काले ने अपने वक्तव्य में जनजातीय समाज के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक अतीत को आधुनिक परिदृश्य से जोड़कर समझाने की कोशिश की। उन्होंने छात्र-छात्राओं के समक्ष आदिवासी वीर शुरमाओं द्वारा अतीत से लेकर वर्तमान तक किए गए संघर्षो पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज में ऐसे कई गुण है जिसे हमें अपनाने की जरूरत है जैसे – आदिवासी समुदाय में महिलाओं का सर्वाधिक सम्मान किया जाता है । वे जंगल जल और जमीन से जुड़े हुए लोग हैं और उनके प्रति वह गाहे- बगाहे अपनी कृतज्ञता को प्रकट करते रहते हैं उनका प्रकृति प्रेमी होना और पेड़ों से गहरा लगाव किसी से भी छुपा नहीं है। आदिवासी चोरी, झूठ और छल से कोसों दूर हैं। वे आध्यात्मिक और परिश्रमी होते हैं ।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. ममता एवं आभार प्रदर्शन प्रो. शंभू प्रसाद निर्मलकर के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रो .निवेदिता मुखर्जी , प्रो.नूतन देवांगन , प्रो लेनेंद्र कुमार वर्मा ,प्रो. पूजा पांडेय , प्रो. विनीता, प्रो. रितु ,प्रो. वेद एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे