डीजे पर प्रतिबंध का पूर्ण समर्थन- श्रद्धा साहू


दुर्ग। विगत दिनों से चर्चित विषय डीजे पर प्रतिबंध धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों पर अंधाधुंध तरीके से डीजे की फूहड़ता के बारे में समाज सेविका श्रद्धा साहू का कहना है कि डीजे पर प्रतिबंध लगाकर सरकार और प्रशासन दोनों ने महिलाओं एवं युवा वर्ग का मान बढ़ाया है। डीजे की ध्वनि इतना ज्यादा खतरनाक एवं जानलेवा जैसे- ब्रेन हेमरेज ,दिल का दौरा पड़ना और बहरेपन जैसी अनेक कई गंभीर बीमारियों का शिकार कर रही थी।
क्योंकि डीजे की फूहड़ता दिनों दिन बढ़ती जा रही थी और हमारे युवा वर्ग डीजे के कारण हमारी संस्कृति और हमारे देवी देवताओं की भक्ति के ऊपर प्रश्न चिन्ह लगाता जा रहा था।
क्या हमें लाइट और डीजे की चकाचौंध के कारण अपने देवी- देवताओं को रात भर,कोई समय सीमा निर्धारित नहीं होता था। विसर्जन करते रहना ,यह कैसी भक्ति है, जब पूरा ब्रह्मांड सोता है और पॉजिटिविटी की ओर होता है तब हमारा युवा वर्ग नशे में चूर डीजे की फूहड़ता में डांस करते हुए हमारे भगवान को नदी- तालाब में विसर्जन करते थे जो सरासर गलत था।
2024 का गणेश विसर्जन एक ऐतिहासिक और गरिमापूर्ण विसर्जन साबित हुआ है, सभी जगहों पर पारंपरिक ढोल ताशा एवं नगाड़े के साथ शांति पूर्वक भगवान का विसर्जन किए हैं जो बहुत ही सराहनीय एवं मानवीय तथा नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाला कदम है।
श्रद्धा साहू पिछले कई वर्षों से पर्यावरण प्रदूषण पर काम कर रही है और उनका मानना है कि ध्वनि प्रदूषण भी जानलेवा साबित हो रहा था। डीजे को प्रतिबंधित करके निश्चित ही इस जानलेवा ध्वनि प्रदूषण से हम बच सकते हैं और अपनी युवा पीढ़ी को तथा अपनी संस्कृति और संस्कार को पारंपरिक गीत- संगीत से संजोकर रख सकते हैं।

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