खट्टी के स्कूल की जमीन चढ़ी अतिक्रमण की भेट ,,,,,,, बना रहे प्रधानमंत्री आवास,किसने दी प्रमिशन मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना की पोल खोली पानी ने_____पालको ने कहा कि शासन प्रशासन की उदासीनता ने बच्चो के भविष्य पर लगाया प्रश्न?

रवेंद्र दीक्षित की खबर

छुरा @@@@@ शिक्षा क्षेत्र मे शाशन अरबों खर्च कर दिये लेकिन हालात वही की वही रही।गरियाबंद जिले के छुरा विकास खण्ड ,और खण्ड मुख्यालय से लगा,ग्राम पंचायत लोहझर के आश्रित ग्राम खट्टी जहाँ अति पिछडी आदिवासी कमार एवं अनुसूचित जाती के लोग ही निवास रत है।वहाँ के लोग जागरुक तो है।लेकिन शाशन – प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियो की उदासीनता के चलते वहाँ के बच्चो का भविष्य अंधकार मे नजर आ रही है।बच्चो के भविष्य को लेकर वहाँ के शिक्षक एवं पालको के बीच चिन्तन होती है,परंतु प्रशाशन एवं प्रतिनिधियो की नजरान्दजी रवैयो के चलते भ्रष्टाचारी व्यवस्था के भेट चढ़ जाते है।

अंदाजा लगाया जा सकता है,कि खट्टी एक ग्राम जो पुर्व मे प्रधानमंत्री गोद ग्राम रहा।जिसकी हालात देखकर तो यही कहा जा सकता है। यहाँ स्कूल तो है,आँगनबाडी भी है,लेकिन व्यवस्था सही नही है।पालक बच्चों को स्कूल ,आँगनबाडी भेज तो देते है ,लेकिन ड़र लगा रहता है।कि कही कोई दुर्घटना ना हो जावे। दरसल प्राथमिक पाठशाला व आँगनबाडी एक ही प्रांगण में है लेकिन सुरक्षा घेरा नही है ।विद्यालय की आरक्षित जमीन पर अतिक्रमण ग्राम शिक्षा समिति के अध्यक्ष श्रीमती अनिता बाई, ग्राम प्रमुख जोहन लाल मार्कंडे, उपाध्यक्षा रेशमा बंदे,गायत्री रात्रे ने बताये कि पुर्व मे ग्राम के वरिष्ठजनो द्वारा ग्राम मे शिक्षा के विकाश व विस्तार के लिये 8 एकड़ जमीन आरक्षित की गई थी उक्त जमीन मे स्कूल भवन, आगन्बाडी है ,जिनका संचालन हो रहा है

। वही खेल मैदान,छात्रावास आदि के लिए अतिरिक्त जमीन आरक्षित की गई है जिसका नजरि नक्शा ,बी 1,सभी पंचायत मे मौजूद है। फिर भी पर ग्राम के साथ साथ कुछ बाहरीय व्यकियो द्वारा विद्यालय की आरक्षित जमीन पर अतिक्रमण कर मकान बनाया जा रहा है।वह भी प्रधानमंत्री आवास ,आखिर विद्यालय की आरक्षित जमीन पर किसने प्रधानमंत्री आवास मकान बनाने की स्वीकृति दी।यह समझ से परे है।व्यापारी व शासकीय कर्मचारियो ने भी किया अवैध कब्जा ग्राम के पंच खम्मन सिह,धरमदास बंदे,मोहर दास,चन्द्र्कुमार ने बताया कि स्कूल के लिए आरक्षित 8 एकड़ भूमि मे मात्र स्कूल और आँगनबाडी भवन है।बाकी सभी जमीन ,व्यापारी,किसान,यहा तक की सरकारी कर्मचारी भी अतिक्रमण कर मकान बना दिये है।इसमे पेड़ पौधे भी थे ।रातो रात काट कर कब्जा कर मकान बनाने मे लगे है। अब तक विद्यालय की उक्त जमीन पर 8से 10 मकान बन रहे है

।वह सभी प्रधानमंत्री आवास है।शाशन प्रशाशन की उदासीनता के चलते हो रहा है अतिक्रमणग्राम के जोहन मार्कंडेय ने बताया की स्कूल के आरक्षित जमीन की सुरक्षा एवं क्रीड़ा परिषर के लिए आहता निर्माण की मांग लेकर कई बार शासन प्रशासन के पास गये।पर आज तक आश्वासन के सिवाय कुछ नही मिला।उन्होने कहा की जनप्रतिनिधियो एवं आला अधिकारीयो की उदासीनता के चलते सारी विद्यालय की आरक्षित जमीन अतिक्रमण की भेट चड रहे है। अगर जिम्मेदार जन प्रतिनिधि,सम्बंधित विभागीय अधिकारिय,व खुद कलेक्टर साहब ध्यान नही देंगे तो अतिक्रमणकारियो के हौसले बुलंद होते रहेंगे । भविष्य मे बच्चो के खेल ,प्रांगण तो दूर शौचालय के लिये भी जगह नही बचाएंगे।बौन्ड्रीवाल नही होने से दुर्घटना का भयग्रामीन शाला समिति के सदस्य एवं पालक समरीन बाई,प्रमिला,ईश्वरीय तिकेश्वरि व गीतबाई ने कहा की स्कूल मुख्य मार्ग से लगे होने के करण मोटर वाहनौ की आवाजावी अधिक है,वही स्कूल के प्रवेश द्वारा के समाने वाले मार्ग मे राईस मिल गोदाम होंने से दस-बारह चक्के वाले वाहनो की आना जाना ज्यादा रहता है जिससे दुर्घटना का भय बना रहता है।भारी वाहन की आवा जाही के चलते छोटे छोटे बच्चो के लिये ज्यादा भय बना रहता है। इस संबंध मे पुछे जाने पर विद्यालय के प्रधान पाठक नोहर लाल पटेल ने बताया कि पुर्व मे ग्रामवासियो द्वारा आहता निर्माण के लिये जनप्रतिनिधियो एवं वरिष्ठ अधिकारीयो के पास मांग की गई थी। ये सही है कि वर्तमान मे आठ- दस मकान विद्यालय की भूमि मे ही बनाये जा रहे हे। छुरा अनुविभागीय अधिकारी से जानकारी लिये जाने पर कहा कि मामले के संबंध मे पूरी रिपोर्ट मँगवाने के बाद ही जांच करवायेगे क्या सही है?

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