खबर हेमंत तिवारी
अंतरजातीय विवाह मामले में जिला प्रशासन अब इन फर्जी हितग्राहियों के खिलाफ रिपोर्ट करने की तैयारी में
राजिम (छुरा / पाण्डुका)/अपने ही बीबियो से दोबारा शादी कर पैसा हड़पने वाले अंतरजाती विवाह प्रोत्साहन राशि के मामले में शिकायत के बाद अब जिला प्रशासन एफ आई आर के मूड में है बता दो की 2019 से लेकर 2022 ,23 तक कि सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई जानकारी एवं उसके बाद मीडिया के द्वारा की गई पड़ताल में जिले के फिंगेश्वर, छुरा गरियाबंद सहित अन्य जिले से अपने ही बीबियो से शादी शुदा बाल बच्चे दार हितग्राहियों ने दोबारा शादी कर लगभग ढाई ,ढाई लाख रुपए का शासन को चुना लगाया है।
जिसमें उन्होंने अपने बच्चों की जन्मतिथि छुपा कर आदिवासी आयुक्त कार्यालय में पदस्थ बाबू के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया गया ।साथ ही कुछ हितग्राहियों ने तो दो शादी की है ।और दोनो बिबियो को साथ में रखे है।इस प्रकार जिले में लगभग 20 ऐसे हितग्राही है जिन्होंने अपने ही बीवियों से दोबारा शादी आर्य समाज के मंदिर राजिम और रायपुर में कर पैसे निकाले है।जिसमे कुछ ग्राम पंचायत के सरपंच सचिवों ने इन्हे नि संतान प्रमाण पत्र जारी किया है।बता दे इसकी शिकायत बीते चार छह माह पहले कलेक्टर गरियाबंद सहित आदिवासी आयुक्त और जन दर्शन में किया गया था जांच की धीमी गति से यह मामला ठंडा बस्ता में जाते दिख रहा था पर अब शायद इनके ऊपर कारवाई की उम्मीद बढ़ गया है।नियमानुसार इसमें राजस्व की वसूली एवं सजा का प्रावधान है ।
इसी के तहत फिंगेश्वर ब्लॉक के एक धान खरीदी केंद्र के व्यवस्थापक ने अपने ही बीवी से दोबारा शादी कर ढाई लाख रुपया हड़पे है आज उनके बच्चे मिडिल वा प्रायमरी क्लास में पढ़ रहे हैं पर वह लगभग 3 साल पहले आर्य समाज में शादी कर सारी जानकारी छुपा कर पैसा निकाले थे ऐसे ही जिले में बहुत से मामले है जिसमें हितग्राहियों के ऊपर तलवार लटक रही है एवं कार्रवाई होने की उम्मीद है साथ ही हितग्राही सहित उस शादी राम घर जोड़े जो मुख्य दलाल और विभाग में पदस्थ उस बाबू और उस संस्था जो बिना कुछ जांच पड़ताल के शादी का प्रमाण पत्र जारी करने वाले के ऊपर भी रिपोर्ट दर्ज होनी चाहिए और राजस्व की वसूली सहित इनको सजा मिलनी चाहिए।