विक्रम शाह ठाकुर की खबर
कुम्हारी। वार्ड नं.15 हाउसिंग बोर्ड कालोनी दुर्गा मंदिर प्रांगण में हमषष्ठी के अवसर पर पंडिताईन श्रीमती केतकी त्रिपाठी ने कहा कि यह बच्चों की लंबी उम्र के लिए माताओं द्वारा उपवास किया जाने वाला छत्तीसगढ़ी संस्कृति का यह एक ऐसा पर्व है जिसे हर जाति व हर वर्ग के लोग मनाते हैं। हलषष्ठी, हलछठ, कमरछठ, खमरछठ, हलषछट्ठी आदि नामों से इस पर्व को लोग जानते हैं। शनिवार को इस पर्व पर माताओं ने सुबह से महुआ पेड़ की डाली का दातुन कर ,स्नान कर व्रत धारण किया।मंदिर प्रांगण के सामने सगरी बनाई गई इसमें पानी भरा गया। मान्यता है कि पानी जीवन का प्रतीक है। बेर की डाली,पलाश,गूलर,आदि पेड़ों के टहनियों और काशी के फूलों से सगरी की सजावट की गई। इसके सामने गौरी-गणेश, मिट्टी से बनी हलषष्ठी माता की प्रतिमा और कलश की स्थापना कर पूजा की गई।साड़ी सहित सुहाग की दूसरी चीजें भी माता को समर्पित की गई। इसके बाद पंडिताईन द्वारा हलषष्ठी माता की 6 कथा पढ़ी और सुनाई गई।इस पर्व में पसहर चांवल,भैंस का दूध,6 प्रकार की भाजी एवं इस दिन हल से जोता गया अनाज नहीं खाने का रिवाज है। इस त्यौहार को मनाने की यह प्रथा है कि कंस द्वारा माता देवकी के 6 बच्चों को मारने के बाद माता देवकी ने हलषष्ठी माता की पूजा कर भगवान बलराम जी को जन्म दिया जो भगवान श्री कृष्ण जी के बड़े भाई थे , तब से इस त्यौहार को लोग मनाते आ रहें हैं। इस पूजा में वार्ड पार्षद श्रीमती रागिनी राजू निषाद, श्रीमती कमला निषाद, श्रीमती जयश्री बिछिया, श्रीमती संध्या देवांगन, श्रीमती भारती निषाद, श्रीमती रानी वर्मा, श्रीमती शांता शर्मा, श्रीमती सुनैयना सोनी, श्रीमती ललिता चौधरी, श्रीमती दीप्ति चौहान,श्रीमती अंजू निषाद,श्रीमती किरण राजपूत, श्रीमती अंकिता सोमवंशी, श्रीमती लता चंद्राकर, श्रीमती मीरा सोनी, श्रीमती रेखा शुक्ला, श्रीमती लक्ष्मी भारद्वाज ,श्रीमती कंचन शुक्ला, श्रीमती पूर्णिमा राव, श्रीमती यदु मैडम, श्रीमती पूजा बिछिया,श्रीमती उषा चौहान, श्रीमती ममता गुप्ता, श्रीमती ज्योति पांडेय, श्रीमती स्मिता शुक्ला,श्रीमती मंजू गुप्ता ,श्रीमती मंजुला गुप्ता, श्रीमती संगीता गुप्ता, श्रीमती वैशाली रावते सहित माताओ ने पूजा की।