वन अधिकार पत्रधारकों कि मृत्यु पर विधिक वारिसानों के नाम पर फौती-नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, त्रुटि सुधार आदि के संबंध में प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित

  • कलेक्टर-डीएफओ ने वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को विस्तार से दिए प्रशिक्षण

रायपुर. गौरेला पेंड्रा मरवाही  जिले में राज्य मंत्रि-परिषद द्वारा 9 जुलाई 2024 को लिए गए निर्णय के अनुसार व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र धारकों की मृत्यु-फौत होने पर विधिक वारिसानों के नाम पर काबिज वन भूमि का हस्तांतरण एवं राजस्व-वन अभिलेखों में दर्ज करने और अन्य भूमि संबंधित कार्यवाही के लिए प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित की गई। कलेक्ट्रेट के अरपा सभाकक्ष में आयोजित कार्यशाला में कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी और वनमण्डलाधिकारी श्री रौनक गोयल ने वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को वन अधिकार मान्यता पत्र धारक का निधन होने पर फौती नामांतरण, विधिक वारिसानों के मध्य वन अधिकार पत्र की वन भूमि का बंटवारा, मान्य वन अधिकारों का सीमांकन एवं वन अधिकार पुस्तिका आदि अभिलेखों में त्रुटि सुधार के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण दिया।

कार्यशाला में फौती-नामांतरण के लिए आवेदन प्राप्त होने पर निर्धारित प्रारूप में ईश्तहार-ज्ञापन जारी करने, दावा आपत्ति प्राप्त करने, आपत्ति प्राप्त होने के स्थिति में सुनवाई कर नियम प्रक्रिया के तहत निर्धारित समय सीमा में निराकरण करने के संबंध में बताया गया। विधिक वारिसानों द्वारा फौती नामांतरण-संशोधन हेतु आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने, विधिक वारिसानों का नाम दर्ज करने के लिए छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 की भांति प्रकरण दर्ज कर धारा 110 के अधीन बने नियमों का पालन करते हुए प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करने कहा गया। प्रशिक्षण के दौरान नक्शा काटने, खसरा नंबर, रकबा नंबर, वारिसानों को संशोधित वन अधिकार पुस्तिका (ऋण पुस्तिका) जारी करने सहित सभी तकनीकी पहलुओं के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया गया।

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