सहयोगात्मक पर्यवेक्षण पर केंद्रित होंगे संकुल समन्वयक…सीखने -सीखाने की प्रक्रिया में आयेगी गति

  • प्रशिक्षण प्रभावी होने के साथ कार्य को निखारता है – बीईओ महिलांगे
  • निपुण भारत मिशन अंतर्गत प्रत्येक विद्यार्थियों में स्तरानुसार

पाटन। बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान की समझ स्थापित हो के उद्देश्य की प्रतिपूर्ति में कक्षागत शिक्षण प्रक्रिया में शिक्षकों को आवश्यक सहयोग कैसे करें को लेकर प्रदेश भर के संकुल समन्वयकों के साथ पाटन विकास खण्ड के सभी 57 संकुल समन्वयकों का पांच दिवसीय सहयोगात्मक पर्यवेक्षण पर प्रशिक्षण बीआरसी भवन पाटन में सम्पन्न हुआ । सहयोगात्मक पर्यवेक्षण प्रशिक्षण के समापन अवसर पर विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार महिलागें ने सभी संकुल समन्वयकों के कार्यों का प्रशंसा करते हुए, प्रशिक्षण से सम्बंधित प्रत्येक बिंदु जो आपके कार्यो को और बेहतर बना सकता है पर फोकस होकर कार्य करने का निर्देश दिए ।साथ ही विभाग के प्रत्येक गतिविधियों में शामिल होकर, कार्य को सफल बनाने में आपका विशेष भूमिका निर्धारित किया गया है, जिसके अनुरूप कर्तव्य निर्वाह अपेक्षित है पर समन्वयकों से वन टू वन चर्चा करते हुए, शिक्षा के क्षेत्र में पाटन को एक नई पहचान दिलाने जो हमने संकल्पना रखा है को समयबद्ध पूरा करने की बात को दोहराते हुए विशेष कार्य हेतु अग्रिम शुभकामनाएं भी दिए। प्रशिक्षण में संकुल समन्वयकों का अकादमिक रूप से और कैसे सशक्त हो, पर्यवेक्षण के दौरान कक्षागत प्रक्रिया में जुड़कर शिक्षकों को कैसे मदद करें एवं हर चुनौतियों का समाधान कैसे निकालें पर विशेष समझ बना है। प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर सुशील कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि अवलोकन प्रक्रिया अब पूर्ण रूप से अकादमिक एवं सहयोगात्मक रूप में निर्धारित हो गया है। जिसके परिपालन व राज्य के मंशा अनुसार समन्वयकों को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2022 के मूल सिद्धांत,भाषा शिक्षण की प्रक्रिया, डिजाइन ,चार खंडीय रुपरेखा व चेकलिस्ट, गणित शिक्षण की प्रक्रिया , डिजाइन , चार खंडीय रुपरेखा व चेकलिस्ट, दैनिक,सप्ताहिक,मासिक व वार्षिक कार्ययोजना, शिक्षक संदर्शिका अभ्यास पुस्तिका एवं पाठ्य पुस्तक के मध्य बेहतर समन्वय, आकलन,ट्रैकर को कैसे भरें, संकुल से लेकर ब्लाक, जिला, राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली बैठक की रूपरेखा, संकुल स्तरीय अकादमिक समस्या व निराकरण, अकादमिक नेतृत्व कर्ता की भूमिका, पर्यवेक्षण कैसे करें, और इसके लिए सुझाई गई रणनीति पर कार्य, कक्षा अवलोकन,एवं आदर्श प्रस्तुति , फीडबैक, प्रभावी संप्रेषण , समावेशी शिक्षा आदि बिन्दुओं पर प्रशिक्षक सुशील कुमार सूर्यवंशी,मुकेश कुमार साहू, महेंद्र बहादुर,खिलेश वर्मा के साथ लर्निंग एंड लैंग्वेज फाउंडेशन से कुलेश्वर साहू व रूबी नाग के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक खिलावन सिंह चोपडिया ने समन्वयकों को अपने कार्य को बेहतर करने अपेक्षित अपेक्षा को समन्वयकों के बीच रखा।
प्रशिक्षण के चौथे दिवस पर डाइट संस्थान से आए हेमंत साहू सहायक प्राध्यापक एवं एफ एल एन प्रभारी ने सभी संकुल समन्वयकों को प्रशिक्षण के गंभीरता से अवगत कराते हुए तटस्थ होकर प्रशिक्षण प्राप्त करें एवं प्रशिक्षण में सीखी गई बिन्दुओं को कर्तव्य निर्वाह में उपयोग सुनिश्चित करे पर जोर दिया।
प्रशिक्षण में समन्वयक जैनेन्द्र गंजीर, कौशल टिकरिहा, राकेश सोनी, रोशन देशमुख, महेंद्र वर्मा, अभिषेक वर्मा, रोहित वर्मा, संतोष शर्मा, संतोष चन्द्रा कर, नवीन देशलहरा, हुलेश्वर टंडन, संजय खिलाड़ी, अश्विनी साहू, अशोक सिन्हा,सालिक राम ठाकुर, प्रज्ञा गुप्ता,रेणु मोहंती, रूपेश साहू, टिकेश्वर गजपाल, राकेश पांडे, कौशलेंद्र भारद्वाज सत्येंद्र भगत, पीतेंद्र देवांगन, हुमेंद देवांगन, धरम यादव, भरत साहू, ओम प्रकाश वर्मा, योगेन्द्र साहू, योगेश साहू , मुकेश कुमार साहू, घनश्याम सिंह नेताम, चन्द्रशेखर देवांगन, बसंत सोनवानी,पी तारकेश्वर रेड्डी, दुष्यंत चन्द्राकर,भगवानी राम साहू ,रामलखन फेकर , मनोज कुमार ठाकुर,शेष नारायण नेताम, पोखन साहू,के साथ सभी संकुल के समन्वयक उपस्थित थे।

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