रायपुर,, झन कर इनकार हमर सुनव सरकार-छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने *लेकर रहिबो लेकर रहिबो,मोदी की गारंटी लेकर रहिबो* *अब नई सहिबो अब नई सहिबो मोदी की गारंटी लेकर रहिबो* के नारे के साथ अगस्त क्रांति का एलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी , प्रांतीय महामंत्री राकेश चंद्र साहू, प्रांतीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र कुमार चंद्राकर,प्रांतीय संगठन मंत्री कुबेर राम देशमुख, जिला अध्यक्ष देवेंद्र कुमार बंछोर , संभागीय अध्यक्ष डॉक्टर बी के दास, संभागीय महामंत्री देशबंधु शर्मा, जिला महामंत्री कृष्ण कुमार धुरंधर एवं ब्लॉक अध्यक्ष टीकाराम साहू ने बताया कि 6 अगस्त 24 को इंद्रावती भवन (संचालनालय) से महानदी भवन (मंत्रालय) तक दोपहर 2 बजे से मशाल रैली एवं मंत्रालय के सामने प्रदर्शन होगा। मशाल रैली में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के घटक संगठनों के प्रांताध्यक्ष सहित प्रमुख पदाधिकारी,संभाग तथा जिला संयोजक सहित सभी पदाधिकारी शामिल होंगे। फेडरेशन ने चार स्तरीय *झन कर इनकार हमर सुनव सरकार* आंदोलन का घोषणा किया है। *प्रथम चरण* में 6 अगस्त को इंद्रावती भवन से महानदी भवन तक मशाल रैली एवं प्रदर्शन,*द्वितीय चरण* में 20 से 30 अगस्त तक सांसदों एवं विधायकों को ज्ञापन,*तृतीय चरण* में 11 सितंबर को जिला/ब्लॉक/तहसीलों में मशाल रैली का आयोजन एवं *चौथे चरण* में 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर जिलों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन होगा। यदि सरकार ने कर्मचारियों के हित को नजरअंदाज किया तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेने बाध्य होगा। उन्होंने बताया कि *मोदी की गारंटी* भाजपा का घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान देय तिथि से महँगाई भत्ता एरियर्स सहित 1 जनवरी 24 से महंगाई भत्ता में 4 % वृद्धि कर साथ 50 % डी ए स्वीकृत करने*; *प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में जमा किये जाने*;*भाजपा घोषणा पत्र के अनुसार *प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान देने* ;*केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता*;*भाजपा घोषणा पत्र अनुसार अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन देने* का मुद्दा शामिल है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों को केन्द्र के समान देय तिथि 1 जनवरी तथा 1 जुलाई को महँगाई भत्ता (DA) स्वीकृत नही करने का नीति से 1 जुलाई 2019 से 31 जुलाई 24 तक कर्मचारियों को जबरदस्त आर्थिक नुकसान हुआ है।उन्होंने बताया कि चतुर्थ श्रेणी को ₹ 68750, तृतीय श्रेणी को ₹ 108980 द्वितीय श्रेणी को ₹ 193490 एवं प्रथम श्रेणी को ₹ 445880 रुपयों का न्यूनतम औसत नुकसान हुआ है।