अपने ही बीवियों से दोबारा शादी कर योजना के लाखों रुपए हड़पने वाले पति पत्नी के खिलाफ शिकायत

  • जांच चल रहा कछुआ गति से अधिकारी और बाबू साहब का पूरा,, खेला,,

खबर हेमंत तिवारी

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राजिम(पाण्डुका)/अपने ही बीवियों से दोबारा शादी कर पैसा हड़पने वाले शादीशुदा बाल बच्चे वाले जिले के नटवर लाल के खिलाफ कलेक्टर गरियाबंद में शिकायत किए लगभग तीन माह हो गया पर जांच की कछुआ गति पर संदेह शायद रिटायरमेंट के दहलीज पर खड़े बाबू साहब को बचाने कही कार्यवाही में ढिलाई तो नही।मामला कुछ इस तरह है।सरकार का उद्देश्य है कि असपृशयता उन्मूलन की दिशा में गैर अनुसूचित जाति के युवक या युवती द्वारा अनुसूचित जाति के युवती या युवक से विवाह कर उठाए गए आदर्श कदम के फल स्वरूप उन्हें पुरस्कृत एवं सम्मानित करना है।पर इन नव दंपतियों को मिलने वाले इस अंतरजाती विवाह प्रोत्साहन राशि में एक बड़ा गड़बड़ झाला सामने आया है।जो आर टी आई से मिली जानकारी वा उसके आधार पर किए गए पड़ताल से इसका भंडाफोड़ हुआ है।इन शादी शुदा पुराने जोड़े के घर परिवार वा गांव में जाने से पता चला कि 3 से 4 बाल बच्चे वाले शादीशुदा दंपतियों ने आर्य समाज मंदिर में दोबारा शादी कर विभाग के बाबू साहब के साथ मिलाकर शासन को लगभग ढाई ढाई लाख रुपए को चूना लगाया है गरियाबंद जिले में ऐसे लगभग 20 हितग्राही है जिन्होंने अंतरजाती विवाह प्रोत्साहन राशि की इस योजना में गड़बड़ी की है ।

सबसे ज्यादा फिंगेश्वर वा छुरा ब्लॉक में या मामला देखने को मिला है बता दे कि इसमें से तीन हितग्राही तो ऐसे हैं जिन्होंने 16 साल 17 साल पहले अपने समाज की लड़की से शादी कर ली थी आज उनके बच्चे लगभग 12वीं क्लास 10वीं क्लास में पढ़ रहे हैं फिर उन्होंने दूसरी शादी पिछड़ा वर्ग के लड़कियों से कर यह राशि हड़पी है ।और उन्होंने पूरी जानकारी विभाग के आवेदन में छुपाया है। और यह सब कुट रचना गरियाबंद आदिवासी आयुक्त कार्यालय में पदस्थ एक बाबू के मार्गदर्शन में हुआ है जिन्हे भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी थी।पर बाबू साहब ने हितग्राहियों के आवेदन को बिना किसी जांच पड़ताल के कार्यालय में बैठे बैठे भौतिक सत्यापन कर दिया और उन्होंने यह सब कुछ जानबुचकर पार्टनरशिप के एवज में अधिकारी, बाबू और हितग्राही सहित आर्य समाज मंदिर के विवाह अधिकारी की मिलीभगत से यह कांड किया है ।जो मीडिया के पड़ताल में यह सब खुलासा हुआ जब आरटीआई से जानकारी निकाली गई अब इसकी शिकायत कलेक्टर गरियाबंद और आदिवासी आयुक्त को की गई है अब देखना होगा कि यह मामला जांच के बाद क्या कार्रवाई होता है।पर शिकायत के बाद भी कार्यवाही की धीमी गति से लीपापोती की गंध आ रहा है ।क्योंकि लंद फंद जिला गरियाबंद का यह कहावत चरितार्थ हो रहा है।जो इस जिला में ऐसे कइयों गड़बड़ी के मामले हैं और इस तरह अपने बच्चों की जन्म तारीख को छुपा कर इन दंपतियों ने चुपचाप नव दंपति के रूप में सयोग आर्य समाज मंदिर राजिम सहित रायपुर के अन्य आर्य समाज के मंदिरों में शादी रचाई है ऐसे में नियम की बात की जाए तो कूट रचना और गलत जानकारी देकर राशि हासिल करने वाले हितग्राहियों से राजस्व की पूरी वसूली होगी और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है साथ ही कार्यालय में पदस्थ बाबू के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है देखना होगा इस मामले को लेकर कलेक्टर गरियाबंद जो अंतर जाति वह प्रोत्साहन राशि योजना का प्राप्त आवेदन पत्र की छांन बिन हेतु समिति के अध्यक्ष है ,उप संचालक समाज कल्याण विभाग सदस्य व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सचिव है और बड़े पदों पर रहने वाले ये जिले के अधिकारी के नाक के नीचे इतनी बड़ी गड़बड़ी हो रही हैं ।और इन्हे जरा भी ध्यान नहीं एसे में अब देखना होगा कि शिकायती आवेदन के बाद कितना गंभीर है और क्या कार्रवाई कर पाएंगे या फिर मामले को ठंडा बस्ता में डालकर लीपा पोती करेंगे यही वजह है कि जिले में ऐसी कई कल्याणकारी योजनाएं जिसका लाभ उन हितग्राहियों को नहीं मिल पाता जो इनसे हकदार है और गलत जानकारी देकर कूट रचना करने वाले गलत लोगो को एसे योजनाओं का आसानी से लाभ मिल जाता है। जिन्हे विभाग के अधिकारी कर्मचारी और दलालो का भरपूर सहयोग मिलता है।

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