रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में लोकसभा चुनाव को संपादित करने में प्रदेश के समस्त शासकीय अधिकारी कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। निर्विघ्न व शांतिपूर्ण मतदान संपन्न करने के लिए वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं। किंतु मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ द्वारा आकस्मिक स्थिति के लिए रिजर्व दल में लगाए गए शासकीय सेवकों को मानदेय का भुगतान नहीं कर रही है। ऐसे कर्मचारियों को भी भले न्यूनतम राशि का भुगतान हो लेकिन उनके सम्मान की रक्षा होनी चाहिए, ताकि आगामी अन्य चुनाव में भी समर्पित भाव से मतदान कार्य संपन्न कर सके। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने बताया है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार रिजर्व दल के समस्त कर्मचारीयों में से 10 प्रतिशत ही पीठासीन अधिकारी, मतदान एक दो मतदान कर्मी चतुर्थ श्रेणी व वाहन चालक कर्मचारियों को ही मानदेय का भुगतान किया जावेगा।
शेष 90% लोगों के भुगतान के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया गया है।यदि 90% लोगों को मानदेय का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए था एवं मात्र 10% लोगों को ही मानदेय का भुगतान करना था, तो 10% कर्मचारियों को ही मतदान दल में रिजर्व रखकर शेष 90% अधिकारी कर्मचारियों को रिजर्व दल से मतदान दल रवानगी के तत्काल बाद वापस करना चाहिए था। किंतु ऐसा न कर उन्हें पूरे समय तक रखा गया। कुल मिलाकर रिजर्व दल में 10% एवं 90% में भेदभाव हो रहा है, जो अनुचित है। श्री झा ने निर्वाचन आयोग से रिजर्व दल के मानदेय के संबंध में जारी निर्देश पर पुनर्विचार कर सभी को मानदेय भुगतान करने की मांग की है।