विभाग के प्रयासों से बच्चे हो रहे सुपोषित,, पाटन में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को मिल रही सफलता,,,,,बढ़ा सुपोषण का प्रतिशत

पाटन–मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 2 अक्टूबर 2019 से पाटन परियोजना के सभी आंगनवाड़ी केंद्र को सुपोषण करने का कार्य आरंभ किया गया था जिसमे सभी कार्यकर्ताओं को कुपोषण मुक्त आंगनवाड़ी बनाने का लक्ष्य दिया गया जिसका आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मेहनत कर लक्ष्य को प्राप्त किया
रानीतराई सेक्टर के आंगनवाड़ी केंद्र रानीतराई (केंद्र क्रमांक-1) मे अक्टुबर में 3 बच्चे कुपोषित थे
आरव श्रीवास, वीर निर्मलकर, लावन्या निर्मलकर कुपोषित थे इस समय इनका वजन जिसमे आरव का 8.170 ग्राम था , वीर का 7.900 ग्रा.था , लावन्या का 10.150ग्रा. था।मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को सफल बनाने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती उर्मिला बंछोर व सहायिका सुधा तिवारी ने गम्भीरता से लिया इसमें से लावन्या निर्मलकर को जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने गोद लेकर उसका व्यक्तिगत रुचि लेकर सुपोषित करने में भरपूर मदद किया आरव एव वीर को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका तथा परियोजना अधिकारी सुमित गण्टेच एव सुपरवाइजर ममता साहू के मार्गदर्शन में गृहभेट के दौरान माता -पिता को स्वच्छता एवं सर्वोत्तम आहार के बारे में बार-बार पालक बैठक में फल , चिक्की , गर्मभोजन व दलिया के खिलाने की सलाह दी गई एव उसका पालन भी करवाया गया जिसके कारण माह मई में उन कुपोषित बच्चो का वजन में बढ़ोतरी हुई जिसमें आरव का वजन 9.400 ग्रा. वीर का वजन 9.250 ,लावन्या का वजन 11.400 ग्रा. है
परियोजना अधिकारी सुमीत गंडेचा के अनुसार परियोजना में अब तक लगभग 12 आंगनबाड़ी केंद्र कुपोषण मुक्त हो चुके हैं।प्रायः गांव में छोटे बच्चों को घर मे बुजुर्गों के भरोसे घर पर छोड़कर माताएं खेती या मजदूरी के कार्य पर जाती हैं जिससे बच्चो को उचित पोषण नही मिल पाता मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को केंद्र में प्रतिदिन अतिरिक्त आहार देने से ही कुपोषण दूर हो पाया है। महिला एव बाल विकास विभाग के अधिकारी सुमित गण्टेच ने पालकों से छोटे बच्चों को प्रति 3 से 4 घण्टे में भोजन देकर अपने बच्चो को सुपोषित बनाने की अपील किया है

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