विश्व गुरु ऋषभ देव भगवान ने आदमी को जीवन जीने की कला सिखाए अनुशासन में सफलता का महत्व बताए,,जैन साध्वी प्रियदर्शना

जामगांव आर। श्रमण संघ की चार जैन साध्वियां परम पूज्य प्रियदर्शना श्रीजी , विचक्षणा श्रीजी ,सुकृति श्री जी एवम सुप्रज्ञप्ति श्री जी ने सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जामगांव आर में मोटिवेशनल व्याख्यान दिए। जैन साध्वियों ने विधाथार्थो को मोटिवेट करते हुए कहा कि परीक्षा के समय मन पर एकाग्रचित्ता होनी चाहिए इसके लिए साधना के तरीकों का प्रायोगिक कला भी सिखाए।साधना से मन सधता है और मन का ही तो कमाल है जो मस्तिष्क को दिशा देता है।प्रवचन सभा में गौतमचंद चौरडिया गोवर्धन चंद कोचर सुरेश वैद आसकरण गोलछा चंद्रकैलाश बैद कामता प्रसाद साहू डा गुलाब साहू सेवानिवृत शिक्षक श्री साहू बोरवाया लक्ष्मी देवी बैद लीला कोचर सुसीला जैन निर्मला गोलछा अंकिता गोलछा बबिता चौरडिया रानी चौरडिया प्रमिला भंडारी नीति चौरडिया आदि सहित प्राचार्य पीएल बारले प्रधानाचार्य द्वय पवन बंछोर भूमिका साहू सहित स्टॉफ व विधार्थियो ने लाभ लिए। जैन श्री संघ सिकोसा दुर्ग बटरेल के सदस्यो ने दर्शन वंदन लाभ लिए।मां सरस्वती का साधक बनकर परीक्षा अवधि में मंजिल प्राप्त करे,,,,

,जैन साध्वी प्रियदर्शना श्री जी ने कहा कि विश्व गुरु ऋषभ देव भगवान ने आदमी को जीवन जीने की कला सिखाए।अनुशासन का महत्व बताए।साधना के के दम पर सिद्धि का पथ बताए।उन्होंने कहा कि परीक्षा से घबराना नहीं बल्कि साधना के पथ पर चलकर मंजिल को प्राप्त करे। जो मन को साधना सीख जाए उसको मंजिल मिलना तय है।मन ही तो है जो भटकाता है और संभालता भी है। मन के हारे हार है मन के जीते जीत परीक्षा में सफल होने मन को साधे यही है सदगुरु की सीख,,,,अर्जुन लक्ष्य बनाकर पढ़ाई करे,,,,जैन साध्वी विचक्षण श्रीजी ने कहा कि परीक्षा की तैयारी में अर्जुन लक्ष्य बनाकर कर अध्धयन करना चाहिए।केवल और केवल विषय पर ध्यान देते हुए अपनी दिनचर्या को सुव्यवस्थित करना चाहिए।इधर उधर ध्यान भटकने से विषय पर एकाग्रचित्ता नही आती जिससे परिणाम अनुकूल नहीं आ पाते और परिणाम अच्छा चाहते है ।यह विषम स्थिति तनाव का कारण बनती है।तनाव मुक्त परिणाम अपेक्षा रखना है तो प्रबल इच्छा शक्ति के साथ पढ़ाई की ओर ध्यान देना चाहिए।प्राचार्य पीएल बारले हुए सम्मानित,,,,जैन साध्वी सुकृति श्री जी ने ज्ञानवर्धक प्रश्न पूछे उत्तर सही देने वाले बच्चो आचार्यों को तुरंत पुरस्कृत करते गए। मनीष संचेती दुर्ग द्वारा प्रभावना वितरण किया गया।जैन श्री संघ के सुरेश वैद प्रेमचंद जैन ने प्रभावना में अंगूर वितरित किए गए ।4 साल में एक बार जन्म दिवस मनाए जाने वाले महापुरुष पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का स्मरण प्रसंग आया।प्राचार्य पीएल बारले रुद्र कुमार गीतांजलि आयुष आदि सम्मानित किए गए।अनुशासन को स्व अनुशासन में तब्दील कर बच्चे सफलता का इतिहास रचे,,, जैन साध्वी सुज्ञप्ति श्री जी ने कहा कि विद्यालय में अनुशासन का बढ़ा महत्व होता है जो बच्चे अनुशासन के महत्व को आत्मसात कर स्व अनुशासन में तब्दील कर लेते है उनका परिणाम अन्यो के लिए भी प्रेरणादाई बनता है। स्व अनुशासन का पाठ सीखने वाले बच्चे स्वमेव संस्कारी होने लगते है और वे माता पिता गुरु को गौरान्विंत्त करते है। सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जामगांव आर से 2005में निशा जैन ने 12 वी बोर्ड में गणित में 98 प्रतिशत और बायो में 96 प्रतिशत अंक प्राप्त कर होनहार होने की झलक दिखाकर गौरव मय इतिहास की रचना किए वर्तमान में चर्म रोग विशेषज्ञ बनकर दुर्ग में सेवा दे रही है।शुक्रवार बटरेल में प्रवचन,,,,, बटरेल निवासी गौतमचंद चौरडिया का विनती स्वीकार कर जैन साध्वियो का 4 सदस्यीय समूह शुक्रवार को जामगांव आर से विहार कर बटरेल प्रस्थान करेंगे शुक्रवार को बटरेल के धर्म प्रेमी प्रवचन एवम सत्संग लाभ लेंगे। विदित हो कि जैन साध्वियों का होली चातुर्मास डौंडी लोहारा में है।इस रास्ते में जैन श्री संघों की विनती अनुरूप धर्म लाभ मिलने की संभावना है।

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