डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी देश की एकता व अखंडता के लिये बलिदान हुए

कांकेर. भारतीय जनसंघ के संस्थापक प्रखर शिक्षविद , स्वतंत्र भारत के प्रथम उद्योग मंत्री व भाजपा के प्रेरणा स्रोत डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का 67 वा पुण्यतिथि बलिदान दिवस आज जिला भाजपा कांकेर व भाजपा कांकेर शहर मण्डल द्वारा भाजपा कार्यलय कमल सदन में उनके छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित व पुष्प अर्पित कर मनाया गया ।
इस अवसर पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बारे में बोलते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष हलधर साहू ने कहा कि डॉ मुखर्जी देश की एकता व अखंडता के लिये बलिदान हुए है । उन्होंने कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी ।
जिला महामंत्री विजय कुमार मण्डावी ने डॉ मुखर्जी के बारे में बोलते हुए कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को हुआ था। वे एक भारतीय राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर और शिक्षाविद थे जिन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में स्वतंत्र भारत के पहले उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया । वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति भी थे। जम्मू कश्मीर के मुद्दे को लेकर नेहरू सरकार से मतभेद के बाद उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को छोड़ दिया। और 1951 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मदद से भारतीय जनसंघ की स्थापना की।
डॉ मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवादी व भारत के एकता अखंडता के प्रबल पक्षधर थे । उन्होंने कश्मीर में दो विधान, दो प्रधान व दो निशान का विरोध करते हुए अपना बलिदान दे दिया ।
जनसंघ से बने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ मुखर्जी के कश्मीर के लिये दिए बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए अपने दूसरे कार्यकाल के प्रथम वर्ष में कश्मीर से धारा 370 को एक झटके में समाप्त कर वर्षो से नासूर बने कश्मीर समस्या को हल कर दिया ।कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने भी सम्बोधित किया ।
कार्यक्रम का संचालन मण्डल अध्यक्ष दीपक खटवानी ने किया । कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सम्पन्न हुआ ।कार्यक्रम में सुमित्रा मारकोले, शालिनी राजपूत, रवि तिवारी, दिलीप जायसवाल, निपेन्द्र पटेल, टेकेश्वर जैन, निर्मला नेताम, जय प्रकाश गेडाम, जे एम जैन, विवेक परते, गिरधर यादव, अनिता सोनी, जयंत अठभेया, योगेश साहू, नीलू तिवारी, सुनील जायसवाल आदि उपस्थित रहे ।

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