राजीवलोचन फाउंडेशन का हास्य व्यंग्य, संस्मरण, व काव्य गोष्ठी संपन्न

रायपुर ,सुंदर नगर स्थित “रवि सदन” में राजीवलोचन फाउंडेशन के तत्वावधान में गीत, गजल, संस्मरण, हास्य व्यंग्य तथा काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ । कवि एवं पत्रकार नरेंद्र मिश्रा ने रूस में लाल क्रांति को विस्तार से बताते हुए शेर प्रस्तुत किया- “ऐ जिंदगी गम ही सही, आती तो है,,,, अजय मिश्रा की शेर “ना पूछो कि मैं क्या मांगता हूं,,, ना मांगू किसी से, यही मांगता हूं” से अच्छा खासा माहौल बन गया। साहित्यकार अरविंद मिश्रा की पंक्तियां “खुदा का कभी कायल नहीं था,,, पर आपकी बातें सुनकर खुदा का कायल हो गया”,,, ने खूब वाहवाही बटोरी। कवि एवं साहित्यकार ललित मिश्रा ने छत्तीसगढ़ी हास्य व्यंग्य की अपनी मौलिक पंक्तियां -“नानचुन मुसुआ ओखर संगवारी छुछुआ,,, दूनों खेलिन छुवी छुवौल,,, से वातावरण हंसी से भर गया । बाल्को के पूर्व जनरल मैनेजर इंजी रवि प्रकाश शुक्ला ने अपने दोस्तों के साथ बीते हुए हंसी मजाक के पलों को बताकर खूब हसाया। वही पूर्व डीएसपी विनोद मिश्रा तथा प्रदीप मिश्रा ने अपने संस्मरण प्रस्तुत किया । सिंचाई विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर प्रमोद मिश्रा ने अपने बचपन के शरारत पूर्ण पुरानी यादों को प्रस्तुत किया। संजय मिश्रा ,आलोक मिश्रा तथा अतुल मिश्रा ने जोक्स प्रस्तुत किये । अरुण मिश्रा तथा आशीष मिश्रा ने गीत गाकर सुनाया । संचालन फाउंडेशन के अध्यक्ष ललित मिश्रा तथा आभार महासचिव अतुल मिश्रा ने किया

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