पाटन। पहंदा(अ) के हृदय स्थल जहाँ पर मंदिर, गौठान, बाजार इत्यादि लगती है वहा पर गंदगी फैलने से आम नागरिकों के साथ-साथ राहगीर गंदगी और बदबू से परेशान है। उसी प्रकार स्कूल आदि स्थानों में भी आने जाने के जगहों पर फैली गंदगी से बच्चे व नागरिक परेशान है। गाँव मे जहां भी देखो गंदगी फैली है। कई जगहों पर नाडेप बनी थी जिसे तोड़ने के कारण से कचरा अब बाहर फैलते जा रही है। इन विषयों को लेकर पंचो और उपसरपंच के द्वारा पंचायत बैठको में सफाई के लिए कई बार सरपंच को कहा गया है परंतु सरपंच किसी भी जनप्रतिनिधियों के बातो को नही सुनते है। सफाई का कार्य यदि वार्ड पंचो द्वारा करा भी दिया जाए तो वर्षो तक मजदूरी के लिए भटकना पड़ता है। इसी कारण से अब कोई भी पंच य उपसरपंच पंचायत के कार्यो में हस्तक्षेप करना पसंद नही करते है।क्योंकि सरपंच को कोई बात बोलने या आग्रह करने पर उटपटांग जवाब मिलता है।
आपको बता दे जहाँ गंदगी फैली है वहाँ 50 लाख की लागत से मंदिर व सार्वजनिक शौचालय बनी हुई है।परंतु सरपंच की सकारात्मक इच्छा नही होने के कारण सफाई कार्य ढप है।जिसके कारण आम नागरिक परेशान है।गांव के अधिकतर गलिया सफाई नही होने से गंदगी से लदे पड़े है।सरपंच और सचिव की हठधर्मिता के कारण से पंच लोग भी अपने वार्डो में सफाई नही करा पा रहे है क्योंकि सफाई करवाने के बाद मजदूरों को राशि देने में सरपंच और सचिव का नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है।जिसका खामियाजा अब जनता की भुगतना पड़ रहा है।आम जनता के द्वारा सफाई कार्यो के लिए वार्ड पंचो पर दबाव बनाने से पंच लोग भी परेशान हो गए है।स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व में भी सफाई नही हो पाया था।और तो और अब रक्षाबंधन के साथ साथ विभिन्न त्यौहार व पर्वो का समय भी आ गया है।ग्रामीण अब उम्मीद के शिवाय और कुछ कर भी नही सकते है।जनप्रतिनिधियों ने भी अब पंचायत में गुहार लगाना बंद कर दिया है क्योंकि बोलने का असर सरपंच को होता नही है।