आवारा मवेशियों के कारण होने वाले सड़क दुर्घटना को रोकने जिले में चल रहा व्यापक अभियान

  • 187 आवारा मवेशियों को सड़कों से हटाकर भेजा गया गौठान
  • दुर्घटनाओं से बचाने पशुओं को लगाए जा रहे टैग और रेडियम बेल्ट

गरियाबंद@लोकेश्वर सिन्हा। आवारा मवेशियों के कारण होने वाले सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कलेक्टर आकाश छिकारा के निर्देशानुसार जिले में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। रोका-छेका अभियान के तहत आवारा मवेशियों को राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्ग से हटाकर उन्हें सुरक्षित गौठान – गौशाला भेजा जा रहा है। अभियान के तहत पिछले चार दिनों में 187 आवारा मवेशियों को एनएच-130सी और एसएच-19 सड़कों से हटाया जा चुका है। यह अभियान निरंतर जारी है। इसके अवाला पशुओं को सड़क दुर्घटनाओं से बचाने पशु सुरक्षा के लिए मवेशियों में टैग और रेडियम बेल्ट भी लगाया जा रहा है। रेडियम बेल्ट अंधेरे में लाइट पड़ने पर दूर से ही चमकता है। पशुओं में इसे लगाने से वाहन चालक दूर से जानवरों को देख पाते हैं और वाहनों को जानवरों से होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा मवेशियों को सड़कों पर खुले नहीं छोड़ने की अपील भी आमजनों से की जा रही है। इसके लिए मुनादी कराकर किसानों एवं पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, नगरीय निकाय के अधिकारियों सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवारा पशुओं के कारण होने वाले सड़क दुर्घटना रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये थे। उन्होंने जिले के सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को प्रतिदिन नगर का भ्रमण कर इसके लिए जरूरी उपाय सुनिश्चित करने को कहा था। साथ ही सड़क दुर्घटना के रोकथाम के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग में स्ट्रीट लाईट आदि की समुचित व्यवस्था के अलावा सड़क निर्माण से जुड़े विभाग के अधिकारियों को सड़कों का ठीक तरह से मरम्मत आदि कराने के निर्देश दिए थे। इसी तारतम्य में गरियाबंद, फिंगेश्वर, राजिम एवं छुरा क्षेत्र के मुख्य मार्गों एवं सार्वजनिक स्थानों से घुमंतू पशुओं को पकड़ने के लिए रोका-छेका अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत आवारा पशुओं को पकड़कर गौठान एवं कांजी हाउस में रखा जा रहा है।

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