निर्माण कार्य में लेटलतिफी बच्चो का पढ़ाई प्रभावित विभाग को कोई चिंता नहीं

खबर हेमंत तिवारी
छुरा /शिक्षा सत्र 2023, 24 लग चुका है। और अभी तक विकासखंड छुरा के स्कूल भवनो का जीर्णोद्धार समय पर पूरा नहीं हो पाया है जिसमे माध्यमिक शाला प्राथमिक शाला के भवन शामिल है। जिसके वजह से बच्चे सामुदायिक भवनों में पढ़ने को मजबूर है। बता दें कि मुख्यमंत्री जतन योजना और लघु मरम्मत जैसे अन्य कार्य योजना के तहत स्कूलों का जीर्णोधार वा उन्नयन करना है। पर संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी की उदासीन रवैया के कारण निर्माण की धीमी गती चल रहा है और इसके चक्कर में छोटे-छोटे बच्चों का पढ़ाई प्रभावित हो रहा है क्योंकि बारिश का महीना है और अप्रैल में स्कूल निर्माण से संबंधित आदेश जारी हो गया था।पर जानबूझकर निर्माण कार्य में लेट।लतीफी किया जा रहा है तो वही जिन चहेते ठेकेदारों को यह काम दिया गया है।वे ठेकेदार कई जगह ऐसे ही स्कूल भवन निर्माण का कार्य लिया है।और इनके चक्कर में कही का भी भवन निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसा ही हाल संकुल केंद्र दादर गांव (नया) के प्राथमिक शाला लादन पारा में देखने को मिला जहां प्राथमिक शाला भवन में निर्माण कार्य अभी चालू किया गया है। देख कर लगता नही है की यह जल्द पूरा हो जाएगा और लगभग एक महीना और लग सकता है । एसे में छोटे-छोटे बच्चे को गांव के सामुदायिक भवन में पढ़ाई कर रहे हैं।क्यों की बच्चे हो या बड़े और घर हो या स्कूल खुद की भवन ही रास आता है ।हाला की यह विभाग की वैकल्पिक व्यवस्था है। साथ ही मध्यान भोजन को भी लेकर संशय बना हुआ है । प्राथमिक शाला लादन पारा में कुल 8 बच्चे अध्ययनरत है।और इन्हे पढ़ाने के लिए 2 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। तो वही शिक्षकों की उपस्थिति भी मनमानी पूर्वक रहते हैं एक आता है दूसरा नहीं आता दूसरा आता है तो एक नहीं आत वाला कहानी सालो से चल रहा है। पर विकासखंड के अंदरूनी स्कूलों में शिक्षको को मनमानी इस तरह चलते रहती है।चाहे शिक्षा सत्र नया हो या पुराना एक दूसरे के साथ सामंजस्य बना कर शिक्षक ऐसा करते रहते है ।पर स्कूल भवन समय से पूर्व निर्माण नहीं हो पा रहा है ऐसे में जिस विभाग को जल्द निर्माण करने की जिम्मेदारी मिली है वह भी अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आ रहे हैं ब्लॉक में से कई स्कूल है जिसमें अभी कार्य और चालू हुवा हैं। और अभी दो तीन महीनों तक लग जाएगा समय से पूर्व या कार्य लेना चाहिए था पर शिक्षा विभाग और लोक यांत्रिकी विभाग की लचर व्यवस्था के आगे सब नतमस्तक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *