मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता पर वेबिनार का आयोजन किया गया

**छुरा@@@@@आईएसबीएम विश्वविद्यालय नवापारा (कोसमी) छुरा गरियाबंद छत्तीसगढ़ में मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का उद्देश्य छात्रों को मासिक धर्म चक्र, मासिक धर्म से पहले और उसके दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलावों, स्वच्छ, स्वस्थ और कीटाणुरहित मासिक धर्म चक्र सुनिश्चित करने के लिए किए जाने वाले विभिन्न उपायों और इस मुद्दे से जुड़ी विभिन्न वर्जनाओं के बारे में बताना था। यूनिचार्म इंडिया की श्रीमती नित्या चौधरी वेबिनार की मुख्य वक्ता थीं। सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता एक व्यापक शब्द है जिसमें मासिक धर्म के बारे में शिक्षित करना, लैंगिक समानता, सशक्तिकरण, भलाई, स्वच्छता आदि जैसे कई कारक शामिल हैं। मासिक धर्म के दौरान, महिलाएं संक्रमण के जोखिम के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। मासिक धर्म के रक्त को अवशोषित करने के लिए अस्वच्छ पदार्थों का उपयोग करने से योनि में संक्रमण हो सकता है और प्रजनन स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि हर किसी का शरीर अलग प्रकार का होता है और इसीलिए हर महिला के मासिक धर्म चक्र की अपनी यात्रा होती है। इसलिए, अगर किसी महिला को मासिक धर्म की किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो उसे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि महिलाओं को योग जैसी स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर ध्यान देना चाहिए। समस्या मुक्त माहवारी के लिए जिम और संतुलित आहार। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बी पी भोल कहा कि मासिक धर्म के दौरान किशोर लड़कियों में मिजाज एक आम समस्या है। उन्हें इस दौरान खुद को अलग-थलग नहीं करना चाहिए, बल्कि रचनात्मक गतिविधियों में खुद को व्यस्त रखकर अपने मूड को मैनेज करने की कोशिश करनी चाहिए।वेबिनार को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के संयुक्त कुलसचिव डॉ. रानी झा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इक्कीसवीं सदी में मासिक धर्म के विषय पर बड़े पैमाने पर कलंक और वर्जनाएं छाई हुई हैं। इसलिए लड़कियों के लिए माहवारी स्वच्छता के बारे में बात करना और अभ्यास करना मुश्किल हो जाता है। समस्या की भयावहता को समझते हुए कुशल नीतियों को बनाने और अभ्यास करने की आवश्यकता है। यह इस मुद्दे के आसपास की असमानताओं से निपटने में मदद करेगा। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं छात्रों को इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर जानकारी देने के लिए वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित कला एवं मानविकी के विभागाध्यक्ष डॉ गरिमा दीवान कार्यक्रम संयोजक ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न प्राध्यापकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने विषय विशेषज्ञ से प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जुड़कर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सहभागिता प्रदान की।

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