आमालोरी में रामकथा महोत्सव समापन पर पं राजकिशोर ने कहा रामायण केवल कथा नही बल्कि ये एक पूरी जीवन शैली है

( भगवान राम के राज्याभिषेक के साथ रामकथा का समापन,आयोजन समिति ने व्यासपीठ का आशीष लेकर विदाई दी )

जामगांव आर@मनीष चंद्राकर–रामायण केवल कथा नही बल्कि ये एक पूरी जीवन शैली है जो इंसान को एक जिम्मेदार दृष्टिकोण प्रदान करती है रामायण में स्वयं की बुराइयों पर जीत हासिल करने और आज के जमाने मे अपने व्यक्तित्व को लोकतांत्रिक बनाने का जीवन सूत्र भी शामिल है जिसे हम सबको अपने जीवन और व्यवहार में उतारने की जरूरत है उक्त बातें रामनवमी पर व्यासपीठ से पं राजकिशोर शुक्ला ने गायत्री शक्तिपीठ आमालोरी में श्रीरामकथा महोत्सव के अंतिम दिवस कथा विश्राम के दौरान कही ! राष्ट्र जागरण सेवा समिति द्वारा हिन्दू नववर्ष और चैत्र नवरात्रि पर आयोजित इस नौ दिवसीय रामकथा महोत्सव में सात दिनों तक रामकथा के अंतराष्ट्रीय वक्ता प्राची देवी ने कथा सुनाई,आगे दो दिनों तक पं राजकिशोर शुक्ला ने कथा को आगे बढ़ाया और सुंदर कांड के गूढ़ तत्वों का विवेचन करते हनुमान द्वारा लंका दहन की कथा सुनाया, पं शुक्ला ने सेतु बंध से लेकर रावण वध और आगे भगवान के राज्याभिषेक तक कथाओं का सरस वर्णन किया! कथाचार्य पं राजकिशोर ने कहा कि भगवान श्री राम और माता सीता का चरित्र इतना पवित्र है कि जिसे सुनने पर मन को असीम आंनद, शांति और प्रेम मिलता है ,कार्यक्रम का संचालन शेखर शर्मा ने किया,आयोजन समिति की ओर से व्यासपीठ का सम्मान कर विदाई दिया गया ! इस दौरान आयोजन समिति की ओंर से भंडारा का आयोजन भी रखा गया जहां श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी वितरण किया गया !


समापन अवसर पर शक्तिपीठ के प्रमुख ट्रस्टी नीलमणि भारद्वाज,संयोजकगण अरुण चंद्राकर,गोपेशशरन शुक्ला,अश्वनी चंद्राकर,जिपंस हर्षा लोकमनी चंद्राकर,महेंद्र पुष्पा बंछोर,लीला अशोक सिंह,सियाराम मालती चंद्राकर,टीकम लाल चंद्राकर,भागवत वर्मा,जगन्नाथ देवांगन,समीर चंद्राकर,प्रदीप सिंह तोमर,गरिमा अशोक भारदीय,जनपद सदस्य खिलेश मारकण्डे,अनिरुद्ध चंद्राकर,खिलावन चंद्राकर,चंद्रकांत भारद्वाज,कौशल आडिल,मनीष चंद्राकर,जोगीराम साहू,सुनील देवांगन,दीपक बंसोड़,आशीष सिंग,खिलावन चंद्राकर,ठाकुरराम चंद्राकर,मनोज बंछोर,युवराज चंद्राकर,रूपनारायण बंछोर,सीमा चंद्राकर,गुलायची वर्मा,टोपेन्द्र वर्मा सहित अन्य उपस्थित थे !

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