मतवारी में बन रहे हर्बल गुलाल की छत्तीसगढ से बाहर भी मांग

रोशन सिंह@उतई ।दुर्ग जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर में बसा गांव मतवारी, जहा गायत्री स्व सहायता समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं,समूह की 12 दीदीयों के
द्वारा यह कार्य मिलकर किया जा रहा है, यह इनके कार्य का तीसरा वर्ष है।
गायत्री स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती जागृति साहूbने बताया कि यह हर्बल-गुलाल गाांव के आस पास के चीजों से बनाया गया है| पालक भाजी, लाल भाजी,चुकंदर, शहतूत, पलाश, गेंदा, गुलाब व अपराजिता के फूलों से एवम सब्जियों का प्रयोग किया जा रहा है, साथ-साथ गोधन पाउडर यानी गोबर ले पाउडर का भी उपयोग करके बनाया जा राहा है।
अभी तक 1000 किलो से ज्यादा हर्बल गुलाल की बिक्री की जा चुकी है और अभी तक आर्डर आ ही रहे है, मतवारी के हर्बल गुलाल की डिमांड दुर्ग, भिलाई, रायपुर,रायगढ़, बिहार पटना, मध्यप्रदेश, आदि जगह से आया है और यह आर्डर कंप्लीट किया जा चुका है । समूह का यह कार्य जिला सी ई ओ सर अश्विनी देवाांगन के मार्गदर्शन में किया जा रहा है, साथ ही साथ जिला पंचायंत के द्वारा विभिन्न माध्यमों से इनका प्रचार प्रसारभी
किया जा रहा है।


तीन साल पहले पैंतीस हजार की बिक्री की शुरुवात हुई थीं जो इस वर्ष 8-से 10 लाख तक का टारगेट है, लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के कारण इस वर्ष हर्बल गुलाल का डिमांड अधिक बड़ा है।
गायत्री स्व सहायता समूह द्वारा निर्मित गुलाल हर्बल होने के कारण इनकी लोकप्रियता बढ़ती रही है।
पिछले तीन वर्षो से यह कार्य करने के लिऐ जिसमे समूह को कच्चा समान उपलब्ध कराना, पैकेजिंग, मार्केटिंग करने में स्वेता यादव और चन्दन साहू का विशेष योगदान है।
गायत्री स्व सहायता समूह के सदस्य जागृति, गोपेश्वरी, भारती, सत्यभामा, केकती, मंजू, हेमिन, दिलेश्वरी, छम्मन, गोमती, कोमीन, उर्वशी इन सबके द्वारा मिलकर यह कार्य किया जा रहा है।

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