कांकेर. राज्य शासन के निर्देशानुसार वर्षाऋतु के पूर्व गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में गलघोटू एवं एक टंगिया बीमारी से बचाव के लिए जिले में सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस आशय की जानकारी देते हुए पशुधन विकास विभाग के उप संचालक एन.के. श्रीवास्तव ने बताया कि गलघोटू एवं एक टंगिया जीवाणु जनित बीमारी है, जो पाश्चुरेला एवं क्लास्ट्रीडियम नामक जीवाणु से होता है। गलघोटू बीमारी में पशुओं को तेज बुखार, आंखों में सूजन तथा गले में संक्रमण एवं सूजन के कारण घर्र-घर्र की आवाज आती है, सांस लेने में तकलीफ होती है, लार बहने लगता है। इसी प्रकार एक टंगिया बीमारी में बुखार एवं जॉघ के मांसपेशी में दर्द युक्त सूजन होता है, जिसमे चर्र-चर्र की आवाज आती है, इससे जानवर को चलने में परेशानी होती है। एक टंगिया रोग में 04 माह से 02 वर्ष तक के युवा पशु सबसे अधिक संवेदनशील होते है तथा गलघोटू का टीकाकरण चार माह से ऊपर के सभी उम्र के पशुओं में लगाया जाता है। उन्होंने पशुपालक कृषकों से अनुरोध किया है कि पशुधन विकास विभाग द्वारा निर्धारित टीकाकरण की तिथि को अपने पशुओं को घर में ही रखें तथा अपने पशुओं का अनिवार्यतः टीकाकरण करायें। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अपने निकटस्थ पशु चिकित्सा संस्था सें सम्पर्क किया जा सकता है।