रायपुर में सरपंंचों का प्रदर्शन, कहा सरपंचों का मानदेय राशि 20 हजार रुपए और पंचों का 5 हजार रुपए किया जाए

रायपुर. राजधानी रायपुर में आज प्रदेशभर के 2 हजार सरपंच पहुंच गए। सबसे पहले इन्होंने बूढ़ापारा के धरना स्थल पर धरना दिया। यहां छत्तीसगढ़ सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने मंच से सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के सरपंचों को बीमा, पेंशन मिलनी चाहिए। मानदेय बढ़ाने और विकास के लिए फंड देने की मांग रखी गई।

इसके बाद राज्य के हर जिले से आए सरपंचों ने रैली निकाली। ये बूढ़ापारा की सड़क से मुख्यमंत्री निवास घेरने को बढ़े। रास्ते में सप्रे स्कूल के बाद पुलिस ने सरपंचों का रास्ता रोक लिया। बड़ी तादाद में यहां सरपंचों का हंगामा शुरू हो गया। पुलिसवालों से धक्का-मुक्की भी हुई। महिलाएं भी महिला पुलिस कर्मियों से भिड़ गईं। काफी देर तक सरपंच यहां से आगे जाने की जिद पर अड़े रहे।

कर्ज लेना पड़ रहा
कुछ देर बाद जिला प्रशासन के अफसरों ने सरपंचों से मुलाकात की। उनका ज्ञापन लेकर बात शासन तक पहुंचाने का वादा किया। मगर सरपंच राजी नहीं हुए। करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा चलता रहा, जिसके बाद सरपंच शांत हुए। लेकिन प्रदर्शन करने वाले सरपंच अब भी धरनास्थल पर मौजूद हैं। छत्तीसगढ़ सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने बताया ग्राम पंचायत के सरपंच बनने के बाद गांव की जनता की सेवा जरूर कर रहे हैं। मगर मानदेय के रूप में हर महीना 2000 रुपये मिलता है, ये सरपंच का अपमान है। हमें घर परिवार भी चलाना अब मुश्किल हो गया है। उपाध्याय ने दावा किया कि उन जैसे कई सरपंच कर्ज लेकर गांव के लोगों के लिए काम करते हैं। फंड कम मिलता है या तो समय पर मिलता ही नहीं है।

ये है छत्तीसगढ़ के सरपंचों की 13 मांगें

  • सरपंचों का मानदेय राशि 20 हजार रुपए और पंचों का मानदेय राशि 5 हजार रुपए किया जाए।
  • सरपंचों को आजीवन 10 हजार रुपए पेंशन दिया जाए।
  • 50 लाख की राशि तक के सभी कार्य में कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत को ही बनाया जाए।
  • सरपंच निधि के रूप में राज्य सरकार के द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए दिया जाना चाहिए।
  • नक्सलियों द्वारा सरपंच को मारे जाने पर 20 लाख रुपए का मुआवजा राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिया जाना चाहिए।
  • 15वें वित्त आयोग अनुदान राशि केवल उसी ग्राम पंचायत के लिए होना चाहिए।15वें वित्त आयोग की राशि को अन्य योजनाओं के निर्माण कार्य में नहीं लगाया जाना चाहिए।
  • मनरेगा सामग्री की राशि हर 3 महीने के अंदर भुगतान किया जाना चाहिए।
  • मनरेगा निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए 40% अग्रिम राशि सरकार के द्वारा प्रदान किया जाना चाहिए।
  • छत्तीसगढ़ के सरपंचों के कार्यकाल में 2 साल की वृद्धि की जानी चाहिए।
  • प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना अंतर्गत आवाज की राशि को महंगाई दर को देखते हुए 2 लाख रुपए की वृद्धि की जानी चाहिए।
  • अविश्वास प्रस्ताव को संशोधन कर जनता के हाथों में दिया जाना चाहिए।
  • धारा 40 में तत्काल संशोधन किया जाना चाहिए।

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