गौठान में सामग्री निर्माण से लेकर इसके वैल्यू एडिशन और बेचने तक की बनाई पुख्ता व्यवस्था… झेरिया धोबी समाज पाटन राज के कार्यक्रम में सम्मिलित होने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा

पाटन।हमने गौठान को ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में स्थापित किया है। यहां पर हमने उन सारे स्थानीय उत्पादों का उत्पादन पुनः आरंभ किया है जिसे परंपरागत रूप से लोग निर्मित करते रहे थे लेकिन अब इसे छोड़ दिया था। केवल उत्पादन ही नहीं किया जा रहा, हम इनके मूल्य वर्धन के लिए भी कार्य कर रहे हैं इसके साथ ही इसके विक्रय के लिए सीमार्ट के माध्यम से पुख्ता व्यवस्था भी की गई है। यह बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झेरिया धोबी समाज पाटन राज के सामाजिक कार्यक्रम में कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भन्सुली, सुरपा में सांस्कृतिक भवनों की घोषणा की तथा अचानकपुर में सामुदायिक भवन के बाउंड्री वाल निर्माण तथा अतिरिक्त कक्ष निर्माण के भी निर्देश दिए। अपने संबोधन का आरंभ मुख्यमंत्री ने नवरात्र पर्व की बधाई देते हुए कहा कि आज हिंदू नव वर्ष की शुरुआत है। आज के दिन देशभर में महत्वपूर्ण महोत्सव मनाए जाते हैं और आज के शुभ दिन में आपके बीच आकर मैं बहुत खुशी का अनुभव कर रहा हूं। छत्तीसगढ़ के लोगों की देवी पर श्रद्धा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्र के मौके पर श्रद्धालुओं में जो अपार श्रद्धा देवी के प्रति प्रगट होती है उसे देख कर मन हर्षित हो जाता है। डोंगरगढ़ में महामाया में दंतेवाड़ा में विराजित देवियों के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं पदयात्रा करते हुए आते हैं। इनकी अपार श्रद्धा देखकर बहुत अच्छा लगता है। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश यही है कि हम अपनी सांस्कृतिक पहचान को सहेज कर रख सकें। हमारी सांस्कृतिक पहचान में ही हमारी आर्थिक प्रगति निहित है। गांव में अनेक परंपरागत व्यवसाय प्रचलित थे। इनमें से अधिकांश का चलन समाप्त हो गया। गौठान के माध्यम से इन्हें आजीविका केंद्र के रूप में स्थापित कर हमने इन्हें पुनः आरंभ किया है। इन्हें ब्रांड के रूप में आकर्षक पैकेजिंग के माध्यम से हम विक्रय कर रहे हैं। पुराने समय में घरों में लीपने के लिए गोबर काम आता था। अब हम गोबर से पेंट बना रहे हैं। पहले बिजली का उत्पादन केवल उद्योगपति या सरकार ही कर पाती थी लेकिन अब ग्रामीण महिलाएं भी गोबर के माध्यम से बिजली का उत्पादन कर रही हैं।

तकनीकी नवाचार की दिशा में हमारी सरकार पुख्ता काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी वर्ग के लोगों के हितों की चिंता सरकार को है। किसानों के लिए राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से आर्थिक समृद्धि की राह हमने खोली। इसके साथ ही भूमिहीन मजदूरों के लिए भी योजना आरंभ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे साढ़े तीन लाख भूमिहीन लोगों को लाभ मिल रहा है पहले इसके अंतर्गत 6 हजार रुपये दिए जाते थे अब यह राशि बढ़कर 7 हजार हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो किस्तों में यह राशि भूमिहीन मजदूरों को दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना पुनः आरंभ की गई है। सरकारी कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति भविष्य के प्रति बहुत आशंकित थे। सरकार के इस बड़े निर्णय से उनकी आशंका दूर हुई है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि कोरोना की लहर के कमजोर होने के बाद पुनः सामाजिक आयोजन आरंभ हुए हैं और मैं लगातार इन सामाजिक आयोजनों में हिस्सा ले रहा हूं। सामाजिक जनों के बीच जाना मुझे बहुत अच्छा लगता है और उनसे सुख-दुख साझा कर मन को बहुत खुशी होती है।

छत्तीसगढ़ में सामाजिक संगठन जन जागरूकता के लिए और प्रदेश को आगे ले जाने के लिए सक्रियता से काम कर रहे हैं। सरकार इस कार्य में उनकी हर संभव मदद करेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने समाज की मांग पर सुरपा और भन्सुली में सांस्कृतिक भवन निर्माण की घोषणा की। इसके साथ ही अचानकपुर में सामुदायिक भवन में अतिरिक्त कक्ष और बाउंड्री वाल की निर्माण संबंधी घोषणा भी उन्होंने की। इस मौके पर उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा एवं बस्तर सांसद दीपक बैज,ओएसडी आशीष वर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य राकेश ठाकुर,सहित समाज के तहसील अध्यक्ष लक्ष्मण निर्मलकर, जिला अध्यक्ष विष्णु निर्मलकर , पोशु राम निर्मलकर, उमाशंकर निर्मलकर,अंशु रजक, किशन हिरवानी,सरपंच हेमंत ठाकुर,हेमचंद निर्मल,तोषण निर्मल, सुखी निर्मल,विनोद साहू,श्यामलाल साहू,खेमीन निर्मल, दीपा निर्मल, अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। मंच संचालन अजय निर्मलकर ने किया।
:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *